Bihar Budget Highlights: मोदी कैबिनेट में बिहार के मंत्रियों में जीतन राम मांझी को काफी वरीयता मिल रही है. कैबिनेट गठन के समय पीएम मोदी ने मांझी के अनुभव को देखते हुए उन्हें MSME विभाग सौंपा गया. अब वह बजट में भी बिहार के सभी मंत्रियों पर भारी पड़ गए. बजट में किस मंत्रालय को कितना बजट मिला, इसके लेखाजोखा में बिहारी मंत्रियों में मांझी टॉप पर हैं. बजट दस्तावेज के मुताबिक, जीतन राम मांझी के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम मंत्रालय को सबसे ज्यादा 22 हजार 137.95 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है. वहीं पी'एम मोदी के हनुमान' कहे जाने वाले चिराग पासवान के विभाग को सबसे कम बजट मिला है. मांझी के बाद जेडीयू के ललन सिंह को बजट मिला है. ललन सिंह के पास दो विभाग- पंचायती राज मंत्रालय और मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय हैं. इसमें से पंचायती राज मंत्रालय को 1,183.64 करोड़ रुपये और मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय को 7,137.68 करोड़ रुपये मिले हैं. दोनों मंत्रालयों के बजट को जोड़ने पर यह रकम 8,321.32 करोड़ रुपये हो जाती है.


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गिरिराज सिंह के कपड़ा मंत्रालय को इस बार 4,417.03 करोड़ रुपये मिले हैं. राज्य मंत्रियों में नित्यानंद राय के गृह मंत्रालय को 1,50,983 करोड़ रुपये मिले हैं. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर के विभाग का कुल बजट 1,17,528.79 करोड़ रुपए है. वहीं सतीश चंद्र दुबे दो मंत्रालय के राज्यमंत्री बनाए गए हैं. दुबे के कोयला मंत्रालय का बजट 192.55 करोड़ रुपए है जबकि खनन मंत्रालय का 1,941.06 करोड़ रुपए है. बीजेपी कोटे से ही राज्यमंत्री राजभूषण चौधरी को जलशक्ति मंत्रालय का कुल बजट 98,418.79 करोड़ रुपए है.


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इतना ही नहीं इस बजट में जीतन राम मांझी के संसदीय क्षेत्र गया के लिए कई परियोजनाओं की घोषणाएं की गई हैं. गया जिले को सांस्कृतिक केंद्र के साथ-साथ आधुनिक अर्थव्यवस्था के मॉडल के रूप में विकसित किया जाना है, जो विकास भी विरासत भी का प्रतिबिंब होगा. गया स्थित विष्णुपद मंदिर एवं बोधगया के महाबोधि मंदिर को विश्वस्तरीय तीर्थस्थल एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. दोनों तीर्थस्थलों को काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर मॉडल के अनुरूप समग्र विकास करने की योजना है. इसके अलावा अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के तहत गया जिले के डोभी में औद्योगिक केंद्र का विकास किया जाएगा.