Jharkhand Assembly Election: केंद्रीय निर्वाचन आयोग के झारखंड दौरे से राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव की आहट तेज हो गयी है. राजनीतिक जानकारों की माने तो हो सकता है कि झारखंड में चुनाव पहले हो जाये. इस मामले पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने चुनाव आयोग को निशाने पर लिया है. जेएमएम ने चुनांव आयोग को दो टूक कहा कि अगर चुनाव आयोग चाहे तो 10 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच चुनाव करवा सकता है, नहीं तो यह राज्य के लिए नाइंसाफी होगी. इसका विरोध आंदोलन का रूप ले सकता है. झारखंड मुक्ति मोर्चा कि बयान के बाद राज्य का सियासी पारा चढ़ गया है.


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झारखंड मुक्ति मोर्चा ने स्पष्ट कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए वह तैयार है, लेकिन जनता ने 5 वर्षों का जनादेश दिया था और भारतीय जनता पार्टी सरकार के कामकाज से डर गई है. यह चाहती है कि विकास की जो प्रक्रिया चल रही है उसे पर बाधा पहुंचा जाए, इसीलिए वह चुनाव पहले करना चाहती है. अगर ऐसा हुआ तो यह राज्य की जनता के साथ नाइंसाफी होगी और जनता आंदोलन करेगी.


बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो कल तक रहते थे कि चुनाव कभी भी कर लीजिए हम तैयार हैं, लेकिन अब जमीनी हकीकत देखकर उनके हाथ पांव फूल रहे है. वह चुनाव से भाग रहे हैं. उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन कभी भी चुनाव कर सकता है, लेकिन जिस तरीके से झारखंड मुक्ति मोर्चा चुनाव के नाम पर भाग रही है. इन्हें पता है कि इनका सुफड़ा साफ होने वाला है, इसीलिए थोड़ा समय बचा है. इसमें वह राज्य को पूरी तरीके से लूटना चाहते हैं.



इधर, झारखंड कांग्रेस का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी को हार का डर सता रहा है, इसीलिए वह ऐसी बातें कह रहे हैं. कांग्रेस ने भी अपनी तैयारियों को पर्याप्त बताते हुए विधानसभा में जीत का दम्भ भरा है. कांग्रेस प्रवक्ता डॉक्टर तौसीफ ने कहा कि अगर चुनाव कल भी हो जाते हैं तो सरकार महागठबंधन की बनेगी, क्योंकि महागठबंधन ने बेहतर काम किया है. 


रिपोर्ट: धीरज ठाकुर