पटना : Caste Based Census: बिहार में जातिगत जनगणना का दूसरा चरण प्रारंभ होने वाला है. ऐसे में बिहार सरकार की तरफ से 215 जातियों की सूची जारी कर दी गई है. जिससे साफ हो गया है कि अब बिहार में जातियों नंबर से पहचानी जाएंगी. इसमें से 214 जातियां और 215 नंबर अन्य के लिए रखा गया है. 15 अप्रैल से दूसरे चरण के लिए जातिगत जनगणना शुरू होगी इसके लिए बिहार सरकार ने 500 करोड़ रुपए का बजट रखा है. 


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आपको बता दें कि बिहार में इस जातिगत जनगणना में नौकरी, व्यवसाय, गाड़ियां और रिश्ते भी जातियों की तरह ही नंबर से पहचाने जाएंगे. मतलब अब आप जिस भी पेशे से जुड़े हो आपका परिवार में जो भी रिश्ता हो और आपके पास जो भी गाड़ी हो सभी की पहचान के लिए आपको नंबर दिया जाएगा. इसी के जरिए उसकी पहचान होगी. 


ऐसे में नौकरी और रोजगार के लिए भी कोड निर्धारित किए गए हैं. जिसमें नौकरी के लिए 1 नंबर किसानों के लिए 5 नंबर और स्वव्यवसाय करने वालों के लिए 4 नंबर दिया गया है. वहीं सरकार गृहिणियों के लिए भी 14 नंबर निर्धारित कर चुकी है. वहीं अगर आपके पास रोजगार नहीं है मतलब आप बेरोजगार हैं तो आप 15 नंबर से पहचाने जाएंगे. हालांकि इनके लिए कोई श्रेणी नहीं रखी गई है. मतलब साफ है कि नौकरी और रोजगार से लेकर बेरोजगार तक अब 1 से लेकर 15 नंबर से पहचान पाएंगे. मजे की बात यह है कि इसमें भिखारी और कचरा बीनने वालों के लिए भी नंबर दिए गए हैं. इसमें छात्रों के 13 नंबर पर रखा गया है. 


वहीं लोगों के पास जैसी भी मोट वाहन की व्यवस्था होगी उसके लिए भी नंबर निर्धारित किए गए हैं. वाहनों के लिए सरकार की तरफ से 6 कैटेगरी बनाई गई है. अगर किसी के पास एक से अधिक वाहन हो तो जो सबसे महंगी गाड़ी होगी उसका नंबर अंकित किया जाएगा. ऐसे में दो पहिया क लिए एक, तीन पहिया के लिए 2, चार पहिया के लिए तीन, ट्रैक्टर के लिए 4, 6 पहिए से अधिक पहिए वाले वाहन के लिए 5 और अगर आपके पास कोई वाहन नहीं है तो अंक 6 रखा गया है. 


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वहीं इसके साथ ही परिवार की गणना के दौरान नाते और रिश्तों के भी नंबर सरकार की तरफ से सूचीबद्ध किए गए हैं. इसमें कुंवारों को कोड 1 के साथ विवाहित लोगों को 2, बेटा-बेटी को 3, पोता-पोता एवं नाती-नातिन के लिए 4 नंबर तय किया गया है. बहू और घर जमाई अब 7 नंबर से पहचाने जाएंगे जबकि तलाकशुदा की पहचान 5 नंबर से होगी. इस तरह हर रिश्ते के लिए सरकार ने एक कोड निर्धारित किया है.