बिहार में जातीय गणना पर सियासी बवाल शुरू, कुशवाहा ने रिपोर्ट को बताया अव्यवहारिक, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
बिहार में जातीय जनगणना की रिपोर्ट के आने के बाद से ही बवाल जारी है. यहां सरकार के खिलाफ जहां विपक्ष ने मोर्चा खोल रखा है और इस पूरे रिपोर्ट को ही फर्जी बताया जा रहा है.
Bihar Politics: बिहार में जातीय जनगणना की रिपोर्ट के आने के बाद से ही बवाल जारी है. यहां सरकार के खिलाफ जहां विपक्ष ने मोर्चा खोल रखा है और इस पूरे रिपोर्ट को ही फर्जी बताया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन की बड़ी पार्टियां कांग्रेस, जदयू और राजद के कई नेता भी इस रिपोर्ट को गलत बताकर इसकी समीक्षा करने की बात कह चुके हैं. आपको बता दें कि इस रिपोर्ट को लेकर विपक्ष दावा कर रहा है कि यह रिपोर्ट पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है.
ऐसे में इस जातीय जनगणना की रिपोर्ट को लेकर राष्ट्रीय लोक जनता दल (रालोजद) के नेताओं ने पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में पटना में मार्च निकाला और राजभवन तक गए. बता दें RLJD के राष्ट्रीय महासचिव माधव आनंद भी इस मार्च में कुशवाहा के साथ थे और फिर सभी रालोजद के बड़े नेता बिहार के राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर से मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपा.
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मार्च से पहले पटना के गांधी मैदान में उपेंद्र कुशवाहा ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और यहां से मार्च की शुरुआत हुई. इसके बाद सरकार विरोधी नारों से पूरा पटना गूंज उठा. मार्च जब जेप गोलम्बर चौराहे के पास पहुंचा तो इस मार्च को रोकने की कोशिश प्रशासन की तरफ से की गई. मार्च फिर भी बढ़ता रहा. वहीं डाकबंगला चौराहे पर इस मार्च को रोक दिया गया. इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा सहित सभी वरिष्ठ पार्टी नेता धरने पर बैठ गए. यहां कुशवाहा ने बताया कि लालू और नीतीश कुमार के द्वारा अन्य पिछड़ी और अतिपिछड़ी जातियों के खिलाफ यह रिपोर्ट एक गहरी साजिश है.
इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे और यहां राज्यपाल को इस रिपोर्ट के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपा. उन्होंने इस रिपोर्ट को ज्ञापन में अव्यवहारिक बताया. इस ज्ञापन में यह लिखा गया कि जातीय गणना पर बिहार सरकार जो दावा कर रही है वह खोखला दावा है. बड़ी संख्या में लोगों के घरों पर कोई सर्वे करने ही नहीं पहुंचा. ऐसे में यह आंकड़े पूरी तरह से फर्जी हैं. उन्होंने जातीय आंकड़े में हेराफेरी करने का भी आरोप लगाया है. इसके साथ ही कुशवाहा के द्वारा सौंपे ज्ञापन की मानें तो बिहार में सरकार सियासी लाभ के लिए कई जातियों के आंकड़ों को बढ़ाकर दिखा रही है.उन्होंने इस सर्वे रिपोर्ट को फर्जी बताते हुए कहा कि घर-घर जाकर पारदर्शी तरीके से जातीय सर्वे कराया जाए. इसके बाद ही इसके सही और पुख्ता आंकड़े जारी किए जाएं. उन्होंने इस ज्ञापन में कई जातियों के आंकड़े भी साझा किए और यह दावा किया. उन्होंने इस पूरे रिपोर्ट पर राज्यपाल से संज्ञान लेने का आग्रह किया. वहीं कुशवाहा ने मीडिया के सामने आकर कहा कि जब तक यह नहीं होगा सड़क से सदन कर संघर्ष करते रहेंगे.