Jharkhand Politics: झारखंड में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले सत्तारूढ़ जेएमएम में बड़ी टूट की अटकलें लगाई जा रही हैं. चर्चा है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि चंपई सोरेन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से नाराज चल रहे हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में तो यह भी खबर है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से उनकी दो दौर की बातचीत भी हो गई है. हालांकि, चंपई सोरेन ने इन खबरों का खंडन किया है. उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि आप लोग ऐसा सवाल कर रहे हैं पर, हम तो आपके सामने हैं. इसके बाद भी चर्चाओं का बाजार गरम है. अगर चर्चाएं कहीकत में बदलीं तो झारखंड को भी नया जीतन राम मांझी मिल सकता है.


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दरअसल, जिस तरह से जीतन राम मांझी को नीतीश कुमार ने सीएम की कुर्सी से उतारा था, ठीक उसी तरह से हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन को सीएम पद से हटाया है. दरअसल, नीतीश कुमार ने 2014 का लोकसभा चुनाव बीजेपी से अलग होकर अकेले लड़ा था. जिसमें उन्हें करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था. हार की जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने महादलित नेता जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया था. मांझी ने 20 मई 2014 को बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. 2015 आते ही नीतीश कुमार का मन बदल गया और उन्होंने मांझी से कुर्सी वापस मांग ली. जिसके कारण 20 फरवरी 2015 को मांझी ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. 


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इस घटना से मांझी नाराज हो गए और जेडीयू छोड़कर अपनी अलग हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा पार्टी का गठन कर लिया. अब वह केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री हैं. इसी तरह से झारखंड में जेल जाने से पहले हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन को बागडोर सौंप दी थी. चंपई फरवरी 2024 में झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन जब हेमंत सोरेन बाहर आए तो जुलाई महीने में चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा और हेमंत सोरेन ने फिर से सीएम पद संभाल लिया. हालांकि चंपई सोरेन को हेमंत सरकार में मंत्री बनाया गया. लेकिन इस घटना से चंपई नाराज बताए जा रहे हैं. बीजेपी भी हेमंत सोरेन पर चंपई सोरेन के अपमान करने का आरोप लगाया करती है.