Jharkhand Politics: कोल्हान के टाइगर कहे जाने वाले और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन (Ex CM Champai Soren) ने दिल्ली से लेकर रांची तक राजनीतिक पारे को हाई कर दिया है. 2 दिन पहले चंपई सोरेन दिल्ली के लिए रवाना हुए थे और अब भी दिल्ली में ही मौजूद हैं. कयासबाजी चल रही है कि वे जल्द ही भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं. चंपई ने सोशल मीडिया पर लिखे एक पोस्ट के माध्यम से झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के आलाकमान और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) पर जमकर निशाना साधा और कहा कि कैसे उन्हें अपमानित करके मुख्यमंत्री पद से रुखसत किया गया. चंपई भले ही दिल्ली में हैं पर रांची में राजनीतिक सर​गर्मियां जोरों पर हैं. खबर है कि कोल्हान के कई विधायक मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सरकारी आवास पर मिलने के लिए पहुंचे हैं. संभव है कि हेमंत सोरेन सरकार चंपई सोरेन के चलते हुए नुकसान की भरपाई कोल्हान के इन विधायकों को साथ लेकर करना चाहती है.


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इसी साल 31 जनवरी को जब ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस्तीफा देने के बाद गिरफ्तार किया था तो झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद के विधायकों ने मिलकर सर्वसम्मति से चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया था और उन्होंने इंडिया ब्लॉक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. चंपई सोरेन करीब 5 महीने तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे. लोकसभा चुनाव के बाद जब हाई कोर्ट से हेमंत सोरेन को जमानत मिल गई तो यह अटकलें लगाई जाने लगीं कि हेमंत सोरेन फिर से झारखंड के मुख्यमंत्री पद की गद्दी संभाल सकते हैं. और हुआ भी ऐसा ही. 


3 जुलाई को विधायक दल की बैठक बुलाई गई, जिसका एजेंडा तक चंपई सोरेन को नहीं बताया गया था. यह बात चंपई सोरेन ने खुद एक पोस्ट के ​जरिए दी थी. उनका कहना है कि मेरे सारे अप्वाइंटमेंट्स कैंसिल कर दिए गए और मुख्यमंत्री पद का प्रोटोकॉल भी हमसे बिना बताए छीन लिया गया. चंपई सोरेन ने इसे अपमान बताया और कहा कि एक समय तो मैंने संन्यास लेने की सोच रहा था. चंपई सोरेन ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से उनके साथ सौतेला व्यवहार हो रहा था, जिसके कारण मैं वैकल्पिक व्यवस्था तैयार करने को मजबूर हो गया. 


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बताया जा रहा है कि चंपई सोरेन को भाजपा में शामिल करने की सारी तैयारी हो चुकी है. झारखंड के वरिष्ठ नेताओं बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा आदि से भी विमर्श किया गया है. इस बात का आकलन किया गया है कि चंपई सोरेन के भाजपा में एंट्री के क्या फायदे हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री चंपई सोरेन और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अभी दिल्ली से बाहर हैं. इसलिए चंपई को भाजपा में शामिल कराने में देरी हो रही है. उधर, झारखंड के पार्टी प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी भी अपने गृहनगर में थे. चंपई इन नेताओं के दिल्ली आगमन का इंतजार कर रहे हैं.