चंद्रशेखर के निशाने पर अपने ही सहयोगी, पहले असहज नीतीश के छुए पैर और अब कांग्रेस पर निशाना
बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के निशाने पर उनके अपने सहयोगी दलों के नेता ही रहे हैं. वह अपने बयानों से अपने सहयोगी नेताओं को असहज महसूस कराते रहे हैं. आपको बता दें कि रामचरित मानस पर बयान देकर चंद्रशेखर ने सबसे पहले नीतीश कुमार को असहज महसूस कराया.
पटना: बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के निशाने पर उनके अपने सहयोगी दलों के नेता ही रहे हैं. वह अपने बयानों से अपने सहयोगी नेताओं को असहज महसूस कराते रहे हैं. आपको बता दें कि रामचरित मानस पर बयान देकर चंद्रशेखर ने सबसे पहले नीतीश कुमार को असहज महसूस कराया. इसपर नीतीश ने लगातार उन्हें ऐसे बयानों से रोका भी लेकिन चंद्रशेखर कहां मानने वाले थे. वह अपनी पार्टी के शह पर लगातार अपने बयानों पर कायम रहे. अब एक बार फिर चंद्रशेखर ने ऐसा बयान दिया है कि उनके गठबंधन दल में से कांग्रेस के नेता असहज महसूस करने लगे हैं.
दरअसल याद होगा कि अभी कुछ दिनों पहले चंद्रशेखर को नीतीश कुमार के पांव छूते लोगों ने देखा था. अब बता दें कि चंद्रशेखर के बयान पर कांग्रेस की असहजता बढ़ गई है. चंद्रशेखर ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के दौर को लेकर आज मीडिया के सामने एक बयान दिया और इसी बयान ने कांग्रेस नेताओं को असहज कर दिया. उन्होंने बयान में इंदिरा गांधी को तानाशाह करार दे दिया.
चंद्रशेखर खगड़िया में मीडिया के लोगों से बात कर रहे थे और बिहार के गौरवशाली इतिहास को बता रहे थे. इसी बीच चंद्रशेखर ने कहा कि आप सबको तो पता ही है कि 70 के दशक में एक तानाशाह ने देश को आपातकाल में झोंका था. तब बिहार से ही उस तानाशाह के खिलाफ आवाज उठी थी. उन्होंने कहा कि जयप्रकाश बाबू का आंदोलन तो इसी बात का गवाह रहा है. उन्होंने आगे कहा कि बात चाहे फिरंगियों से लड़ने की हो या फिर सत्ता परिवर्तन का मामला हो, बिहार हमेशा से आगे रहा है.
ऐसा लगा जैसे चंद्रशेखर को यह याद ही नहीं रहा हो कि बिहार में उनकी सरकार कांग्रेस के समर्थन से चल रही है. राजद, जदयू और कांग्रेस एक साथ मिलकर यहां सरकार चला रहे हैं. ऐसे में इशारों-इशारों में इंदिरा गांधी के लिए तानाशाह शब्द का प्रयोग कर चंद्रशेखर ने उन्हें असहज कर दिया. कांग्रेस के नेता अब चंद्रशेखर के ऐसे बयान के बाद से ही असहज महसूस करने लगे हैं.बता दें कि मीडिया के सामने जब प्रोफेसर चंद्रशेखर ऐसी बयानबाजी कर रहे थे तो उनके साथ उस वक्त बिहार के भूमि सुधार और राजस्व मंत्री आलोक मेहता भी थे. ऐसे में चंद्रशेखर के बयान से आलोक मेहता भी मंच पर असहज महसूस करने लगे थे.