Late Night Study: परीक्षा के दौरान देर रात तक पढ़ाई से क्यों बचना चाहिए? जानें मेंटल-फिजिकल हेल्थ पर इसके साइड इफेक्ट्स
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Late Night Study: परीक्षा के दौरान देर रात तक पढ़ाई से क्यों बचना चाहिए? जानें मेंटल-फिजिकल हेल्थ पर इसके साइड इफेक्ट्स

Late Night Study: ज्यादातर राज्यों में एकेडमिक सेशन 2024-25 के लिए बोर्ड परीक्षाओं की शुरुआत फरवरी 2025 में हो जाएगी. इस समय बच्चों बोर्ड एग्जाम्स की तैयारियों में लगे हैं. इस समय बच्चों का देर रात पढ़ना नुकसानदेह हो सकता है. यहां जानिए क्यों...

Late Night Study: परीक्षा के दौरान देर रात तक पढ़ाई से क्यों बचना चाहिए? जानें मेंटल-फिजिकल हेल्थ पर इसके साइड इफेक्ट्स

Late Night Study Side Effects: परीक्षाओं का समय आते ही छात्र रातभर जागकर पढ़ाई करने लगते हैं, ताकि वे अच्छे ग्रेड हासिल कर सकें. हालांकि, देर रात तक जागने और कैफीनयुक्त पेय पदार्थों पर निर्भर रहने की यह आदत शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है. इस खबर में जानिए लेट नाइट स्टडी के साइड इफेक्ट्स और इसका समाधान.

क्यों बच्चे चुनते हैं Late Night Study का ऑप्शन
बोर्ड परीक्षाओं के दौरान स्टूडेंट्स पढ़ाई पर फोकस करने और ज्यादातर समय का इस्तेमाल करने के लिए लेट नाइट स्टडी का ऑप्शन चुनते हैं. जागते रहने के लिए वे चाय-कॉफी का सहारा लेते हैं, जिसमें मौजूद कैफीन उन्हें अलर्ट रखता है. हालांकि, यह आदत शॉर्ट टर्म बेनिफिट के साथ लॉन्ग टर्न समस्याओं का कारण बन सकती है.

लेट नाइट स्टडी के शारीरिक प्रभाव
देर रात तक जागने और पर्याप्त नींद न लेने से शरीर में थकावट, सिरदर्द और इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है. लंबे समय तक कैफीन के सेवन से दिल की धड़कन तेज होना और ब्लड प्रेशर बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इससे पढ़ाई की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है.

मेंटल हेल्थ पर असर
अपर्याप्त नींद का सीधा असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. इससे याददाश्त कमजोर हो सकती है और सीखने की क्षमता घट सकती है. नींद की कमी से तनाव और चिंता बढ़ सकती है, जिससे एकेडमिक प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

बेवजह का दबाव न डालें
परीक्षाओं के दौरान माता-पिता और टीचर्स को छात्रों पर बेवजह का दबाव डालने से बचना चाहिए. उनकी मेहनत की सराहना करें और उन्हें शांत और स्ट्रेस-फ्री माहौल दें. बच्चों को यह समझाएं कि अच्छे स्वास्थ्य के बिना पढ़ाई में सफलता पाना मुश्किल है.

पढ़ाई और हेल्थ के बीच बैलेंस बनाएं
पढ़ाई के साथ सेल्फ-केयर को वरीयता देना जरूरी है. छात्रों को समय पर सोने और दिन में पढ़ाई के लिए एक शेड्यूल बनाने की सलाह दें. कैफीनयुक्त पेय पदार्थों के बजाय, हेल्दी स्नैक्स और हाइड्रेशन पर ध्यान दें. नियमित रूप से ब्रेक लेने और शारीरिक गतिविधि में हिस्सा लेने से भी मानसिक और शारीरिक ऊर्जा बनाए रखी जा सकती है.

बेहतर एकेडमिक परफॉर्मेंस के लिए टिप्स
लेट नाइट स्टडी की जगह एक ऑर्गेनाइज्ड रूटीन अपनाएं. सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करना बेहतर ऑप्शन है. पढ़ाई के दौरान स्टूडेंट्स को शॉर्ट ब्रेक लेने और रिवीजन के लिए अलग समय निर्धारित करने की सलाह दी जाती है. पर्याप्त नींद, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम छात्रों को स्ट्रेस-फ्री रखता है और उनकी एकेडमिक परफॉर्मेंस को बढ़ाता है.

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