Bihar News: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव लगातार प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को बदलने का दावा करते हैं. हालांकि, छपरा में उनके दावों की पूरी खोल खुल गई. छपरा जिले में स्वास्थ्य विभाग खुद बीमार नजर आ रहा है. जिले में मरीजों को ना तो एंबुलेंस मिल पाती है और ना ही सही इलाज. सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की जगह कुत्ते टहलते नजर आते हैं. एम्बुलेंस नही मिलने से एक गर्भवती महिला की ऑटो में ही डिलीवरी हो गई. सदर अस्पताल से महज 7 किमी की दूरी पर स्थित लोहारा गांव में एंबुलेंस नहीं पहुंच सकी. जिसके चलते विनोद साह की गर्भवती पत्नी सुषमा देवी को अस्पताल जाने के लिए ऑटो का सहारा लेना पड़ा. रास्ते में ऑटो में ही उसके बच्चे का जन्म हो गया.  


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डिलीवरी के बाद दर्द से कराहती हुई महिला जब सदर अस्पताल पहुंची तो लगभग आधे घंटे तक किसी डॉक्टर ने उसे अटेंड नहीं किया. डॉक्टरों ने जब जी न्यूज के कैमरे को देखा तो हरकत में आए और तब कहीं जाकर महिला को अस्पताल में भर्ती किया गया. फिलहाल जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित बताए जा रहे हैं. जी न्यूज के कैमरे में अस्पताल में कुत्ते टहलते नजर आए. प्रसूति कक्ष के सामने भी एक कुत्ता आराम से लेटा नजर आया. मुख्य द्वार पर तो कुत्तों का डेरा देखने को मिला. 


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अस्पताल के गार्ड महज औपचारिकता को निभा रहे थे, उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं था कि अस्पताल के अंदर इंसान जा रहे हैं या जानवर. प्रसूती और इमरजेंसी वार्ड के सामने कुत्ते किसी बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकते हैं. अस्पताल प्रशासन को कोई मतलब नहीं कि ये कुत्ते मौका मिलते ही किसी घायल मरीज या नवजात पर हमला कर सकते हैं. अस्पताल की सफाई और सुरक्षा के नाम पर लाखों खर्च होते हैं, लेकिन सफाई और सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे ही है. जिले के सबसे बड़े अस्पताल सदर अस्पताल की यह तस्वीरें शर्मशार करने वाली और डराने वाली हैं.


रिपोर्ट- राकेश