रांची: झारखंड के सीएम चंपई सोरेन ने राज्य के किसानों को खाद-बीज और कृषि कार्यों से संबंधित सामग्री हर हाल में समय पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. गुरुवार को कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा कि जिन लैम्प्स-पैक्स के माध्यम से किसानों को खाद-बीज उपलब्ध कराया जाता है, वहां नोटिस बोर्ड पर स्टॉक का ब्योरा अनिवार्य रूप से डिस्प्ले किया जाए. कृषि कार्यों में टाइम फैक्टर काफी मायने रखता है. तय समय सीमा में सभी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराएं.


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सीएम ने कहा कि सरकार किसानों के दो लाख रुपए तक के लोन माफ करने के नीतिगत निर्णय पर आगे बढ़ चुकी है. इसके पहले 50 हजार तक के कृषि लोन माफ किए गए थे, लेकिन कई किसानों के एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स) खाते बंद नहीं किए गए हैं. कृषि एवं सहकारिता विभाग के अफसर बैंकों से बात कर इसका समाधान करें, ताकि सभी किसानों को ऋण माफी का लाभ मिल सके. कृषि समृद्धि योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बोरिंग करने के पहले प्रत्येक क्षेत्र में ग्राउंड वाटर लेवल का ध्यान जरूर रखें. ऐसा होने से बोरिंग फेल नहीं होंगे. उन्होंने अधिकारियों को कृषि से जुड़ी योजनाओं पर किसानों, कृषक समूहों और कृषक संगठनों से लगातार संवाद करने का निर्देश दिया. सीएम ने कहा कि अगर सरकार की किसी योजना में कोई त्रुटि है, तो किसानों का फीडबैक सरकार तक पहुंचना चाहिए.


सोरेन ने मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना को प्रभावी तरीके से धरातल पर उतारने के लिए निर्धारित मापदंडों का हर हाल में पालन करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि पशु के साथ शेड और अन्य जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएं. सीएम ने जिला स्तर पर बकरी फार्म बनाने और उनके विभिन्न नस्लों की ब्रीडिंग की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया. समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव एल खियांग्ते, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अरवा राजकमल, कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीक के अलावा पशुपालन, सहकारिता, उद्यान, गव्य विकास, मत्स्य और भूमि संरक्षण विभाग के आला अफसर भी मौजूद रहे.


इनपुट- आईएएनएस


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