पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पटना और वैशाली जिले में गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण उत्पन्न स्थिति का हवाई सर्वेक्षण करके जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार नीतीश ने निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि जल संसाधन विभाग पूरी तरह मुस्तैद रहे और लगातार निगरानी करता रहे.


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उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार पूरी सहायता उपलब्ध करायी जाय. मुख्यमंत्री ने कहा कि एसओपी के अनुसार सभी जिलों एवं संबद्ध विभागों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये हैं जिसका अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय. निरीक्षण के दौरान उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, सांसद संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार तथा मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे. जल संसाधन विभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि उदेरास्थान बांध से 53,945 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण पटना जिले के पंडारक और फतुहा प्रखंड के इलाके में धनायन नदी के बाएं तट पर स्थित बरुआने जमींदारी बांध और सिरपतपुर बांध का कुछ हिस्सा बुधवार की रात क्षतिग्रस्त हो गया जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई.


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बयान में कहा गया है, ‘‘इसी तरह नालंदा जिले के हिलसा प्रखंड में दो छोटे बांध, जो बहुत ही जर्जर स्थिति में थे, क्षतिग्रस्त हो गए जिससे जमुआर और धुरी बिगहा गांवों के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई.’’ बता दें कि गंगा नदी में आए उफान के कारण पटना और वैशाली जिला के तटीय इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. ऐसे में सीएम नीतीश कुमार ने आज इन इलाकों का निरीक्षण किया.


 इनपुट- भाषा


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