Nitish Kumar News: पांच राज्यों में से तीन राज्य हारने के बाद कांग्रेस जहां दबाव में है और सहयोगी दलों की ओर से उस पर भारी दबाव है. इसी कारण इंडिया की बैठक टाल दी गई है, वहीं बताया जा रहा है कि जनवरी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश जाने वाले हैं. जनवरी में नीतीश कुमार की पहली रैली पीएम मोदी के गढ़ बनारस में हो सकती है. दूसरी रैली अंबेडकरनगर में कराने की योजना है. बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार के नजदीकी नेता बनारस और अंबेडकर नगर में रै​ली की तैयारियों का जायजा लेकर लौट चुके हैं. सीएम नीतीश कुमार की रणनीति यह है कि बनारस में पहली रैली में दम दिखाकर भाजपा को तो भयभीत किया ही जाए, सहयोगी दलों को भी आंख दिखाने में इससे बड़ी मदद मिल सकती है. खासकर कांग्रेस को नीतीश कुमार एक बड़ा संदेश देना चाहते हैं, ताकि वह पीएम पद के प्रत्याशी और इंडिया के संयोजक पद को लेकर रोड़ा न अटकाए.


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2014 से पीएम मोदी उत्तर प्रदेश के बनारस से संसदीय चुनाव लड़ते आ रहे हैं. 2014 के बाद 2019 में भी उन्होंने इस क्षेत्र से बड़ी जीत हासिल की थी. 2014 में तो अरविंद केजरीवाल को भी इस क्षेत्र में करारी मात मिली थी. अब खबर आ रही है कि नीतीश कुमार बनारस में बड़ी रैली करेंगे. इस रैली में समाजवादी पार्टी के भी बैकअप देने की बात सामने आ रही है. जाहिर सी बात है कि उत्तर प्रदेश के सपा का जनाधार बहुत मजबूत है. इसलिए नीतीश कुमार रैली की सफलता के लिए अखिलेश यादव की मदद ले सकते हैं. बनारस के अलावा अंबेडकर नगर में भी नीतीश कुमार रैली करने वाले हैं.


पिछले एक साल से नीतीश कुमार के उत्तर प्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ने की खबरों को हवा मिल रही है. जेडीयू के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी इस बाबत संकेत दिए थे. नीतीश कुमार के उत्तर प्रदेश के फूलपुर, मिर्जापुर या फिर अंबेडकर नगर से चुनाव लड़ने के दावे किए जा रहे हैं. बिहार भाजपा के नेताओं का तो यह भी आरोप है कि नीतीश कुमार की नजर फूलपुर लोकसभा सीट पर है, इसलिए हालिया शिक्षक भर्ती में वहां के लोगों का प्राथमिकता से चयन किया गया, ताकि क्षेत्र के लोगों को एक संदेश दिया जा सके. फूलपुर कुर्मी बहुल इलाका है और इसलिए नीतीश कुमार की पहली पसंद फूलपुर है. इसके अलावा यह पंडित जवाहरलाल नेहरू की भी लोकसभा सीट रही है. दूसरी ओर, मिर्जापुर और अंबेडकर नगर सीट भी कुर्मी बहुल हैं पर नीतीश कुमार की पहली पसंद फूलपुर ही है. 


लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश में अपने ताकत को आजमाना चाहते हैं और दूसरों को इसका अहसास भी करवाना चाहते हैं. वे यह भी दिखाना चाहते हैं कि वे केवल ​बिहार के ही नेता नहीं हैं, बल्कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में भी उनकी पकड़ उतनी ही मजबूत है. फूलपुर संसदीय सीट से चुनाव लड़कर वे पंडित नेहरू की ही सीट से कांग्रेस की विरासत को चुनौती देने के मूड में दिखते हैं तो पीएम मोदी से भी दो दो हाथ करने की इच्छा रखते हैं. नीतीश कुमार की सोच यह हो सकती है कि पीएम मोदी के बनारस से लोकसभा चुनाव लड़ने से पूर्वांचल और आसपास की सीटों पर इसका असर पड़ता है, जो स्वाभाविक है. पीएम मोदी के इसी प्रभाव को रोकने के लिए भी सीएम नीतीश रणनीतिवश लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले ही जनवरी में रैली कर एक मूड क्रिएट करने की रणनीति बनाते दिख रहे हैं.