Bihar Politics: महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) बुधवार (20 सितंबर) को लोकसभा में लंबी चर्चा के बाद पास हो गया. वोटिंग परची के जरिए की गई. वोटिंग के दौरान बिल के समर्थन में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े. इस बिल में लोकसभा और विधानसभा में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है. इसका मतलब ये हुआ कि अब लोकसभा और विधानसभा में हर तीसरी सदस्य महिला होगी. वहीं राज्यसभा और जिन राज्यों में विधान परिषद की व्यवस्था है, वहां महिला आरक्षण लागू नहीं होगा. बताया जा रहा है कि परिसीमन के बाद ये कानून लागू होगा. वहीं माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने महिला आरक्षण को जल्दी से जल्दी लागू करने की वकालत की. 


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येचुरी ने पत्रकारों से कहा कि एससी/एसटी और ओबीसी के लिए अलग कोटा जैसे मुद्दे तब उठाए गए थे, जब विधेयक पिछली बार राज्यसभा के समक्ष पेश किया गया था. ये अभी भी अनसुलझे हैं. इन्हें स्पष्ट रूप से संबोधित करना सरकार की जिम्मेदारी बनती है. उन्होंने यह भी कहा कि देश 25 वर्षों से महिलाओं के लिए आरक्षण का इंतजार कर रहा है. अब, जनगणना और परिसीमन जैसी बातें हमें आश्चर्यचकित करती हैं.


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उन्होंने कहा कि क्या महिला आरक्षण को 2034 तक लागू किया जाएगा. सरकार को इस संबंध में भी जवाब देना होगा. माकपा महासचिव ने एक प्रश्न के उत्तर में यह भी कहा कि बिहार से लौटने से पहले वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात करेंगे. हालांकि, उन्होंने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की समन्वय समिति में किसी को भी नामित नहीं करने के अपनी पार्टी के फैसले को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया. बता दें कि माकपा के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र में भाग लेने के लिए येचुरी पटना आए थे.