Bihar Politics: देश में साल 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर नेता अपने टिकट के लिए सेटिंग शुरू कर दिया है. इस बीच बिहार विधान परिषद के सभापति ने यह ऐलान कर दिया है कि मेरे अलावा सीतामढ़ी लोकसभा सीट से अगर महागठबंधन का कोई प्रत्याशी जीत गया तो मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा.  इसका सीधा मतलब है कि वह सीधे दौर पर गठबंधन को अपने टिकट के लिए खुली चुनौती दे रहे हैं.


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दरअसल, जब से महागठबंधन की तरफ से सीतामढ़ी लोक सभा का संभावित उम्मीदवार की घोषणा बिहार विधान सभा के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर की हुई है. तब से जिले के जदयू (JDU) पार्टी में दरारें आना शुरू हो गई है. एक तरफ जदयू (JDU) के पूर्व जिलाध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान दूसरी ओर पूर्व सांसद अर्जुन राय का खेमा खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया है.


वहीं, विरोध को देखते हुए सभापति ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी टिकट की दावेदारी का फॉर्मूला बताया. उन्होंने इस दौरान अपने विरोधियों पर निशाना साधा. इनका दावा है कि मुझे महागठबंधन की ओर से लोकसभा चुनाव लड़ने की हरी झंडी दी गई है. वहीं, अब सियासी हलकों में यह चर्चा होने लगी है कि महागठबंधन के नेता और कार्यकर्ता देवेश चंद्र ठाकुर की उम्मीदवारी को किस हद तक सपोर्ट करेंगे या विरोध?


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इधर, कांग्रेस का पूरा फोकस लोकसभा चुनाव 2024 पर जमा हुआ है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने बिहार कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक कर अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. बैठक में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने लोकसभा की 10 सीटों पर अपना अधिकार जताया है. मिली जानकारी के अनुसार, बिहार कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से कहा है कि इंडी गठबंधन में 10 सीटों की मांग की जाए.


रिपोर्ट: त्रिपुरारी शरण