PHED Tender Cancellation Case: बिहार में मंत्री और पूर्व मंत्री आमने-सामने, इनके बयानों ने सियासी भूचाल ला दिया
PHED Tender Cancellation Case: एनडीए की मौजूदा सरकार ने पिछली सरकार के 350 अनुबंध रद्द कर दिए. पीएचईडी मंत्री नीरज सिंह ने कहा कि पिछली सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) में हुए 826 करोड़ रुपये के 350 निविदा रद्द किए गए हैं.
PHED Tender Cancellation Case: बिहार में पिछली महागठबंधन की सरकार के दौरान ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजनाओं की करीब 350 निविदाएं रद्द करने के मामले को लेकर वर्तमान मंत्री नीरज कुमार सिंह और पूर्व पीएचईडी मंत्री ललित यादव आमने-सामने आ गए हैं.
पीएचईडी मंत्री नीरज सिंह का बयान
दरअसल, एनडीए की मौजूदा सरकार ने पिछली सरकार के 350 अनुबंध रद्द कर दिए. पीएचईडी मंत्री नीरज सिंह ने कहा कि पिछली सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (PHED) में हुए 826 करोड़ रुपये के 350 निविदा रद्द किए गए हैं. ग्रामीण जलापूर्ति की इन योजनाओं के लिए अब नई निविदा निकाली जाएगी. विभागीय जांच के दौरान प्रक्रिया में अनियमितता पाई गई है.
यह विभागीय अधिकारियों का काम है-ललित यादव
गौरतलब है कि 17 महीने के महागठबंधन सरकार के कार्यकाल में सरकार ने 4,600 करोड़ रुपए की 1,160 निविदा किए थे. उस समय पीएचईडी विभाग के मंत्री ललित यादव थे. पूर्व पीएचईडी मंत्री ललित यादव कहते हैं कि निविदा में मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती है. यह विभागीय अधिकारियों का काम है.
'अगर गड़बड़ी हुई है तो सीबीआई से जांच कराएं'
उन्होंने कहा कि निविदा तो निकाला ही गया था, जिसका निष्पादन भी नहीं हुआ है तो फिर गड़बड़ी का सवाल कहां है. जब अब तक कार्य ही नहीं हुआ है, तो गड़बड़ी कैसे हो गई. निविदा में अगर गड़बड़ी हुई है तो इसकी जांच सीबीआई से कराएं. निविदा विभागीय अधिकारी निकालते हैं और अगर गड़बड़ी हुई तो वही जांच करेंगे? पहले ही उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा कह चुके थे कि विभागों के कार्यों की जांच कराई जाएगी. अगर गड़बड़ी हुई है तो सीबीआई से जांच कराएं.
इनपुट: आईएएनएस