Jharkhand Vidhan Sabha Chunav 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव के मतदान में महज 15 दिनों का बचा है. प्रदेश मे अबतक गठबंधन और अस्थिर सरकारों का लंबा इतिहास रहा है. राज्य में 2005 से 2019 तक तो अस्थिर सरकारों का ऐसा दौर चला कि तीन बार राज्य में राष्टपति शासन लगाना पड़ा, जबकि सरकार बनाने-गिराने का राजनीतिक खेल कुछ यूं चला कि 24 वर्षों में 13 मुख्यमंत्री शपथ ले चुके हैं. प्रदेश में विधानसभा की कुल 81 सीटें हैं, जिनमें बहुमत के लिए 41 सीटों की जरूरत होती है. लेकिन 24 वर्षों के दौरान हुए पांच चुनावों में में अबतक कोई भी पार्टी यहां इतनी सीटें अकेले नहीं ला सकी हैं. प्रदेश में इस समय झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक की सरकार है और हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हैं. 2019 से 2024 तक के 5 साल में प्रदेश ने तीन सीएम देख लिए हैं. उठापटक वाली राजनीति के बीच एक बार फिर से जनता को नई सरकार चुननी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रदेश की जनता किसे चुनेगी, ये तो 23 नवंबर को पता चलेगा लेकिन उससे पहले देखते हैं एनडीए और इंडिया ब्लॉक में किसका खेमा ज्यादा मजबूत है. 2019 में बीजेपी ने अकेले झारखंड चुनाव लड़ा था, जबकि जेएमएम ने कांग्रेस और आरजेडी से अलायंस किया था. उस समय बीजेपी के सीएम रघुवर दास खुद चुनाव हार गए थे. उन्हें बीजेपी के बागी सरयू राय ने जमशेदपुर पूर्व सीट से चुनाव हराया था. रघुवर दास के नेतृत्व में बीजेपी को सिर्फ 25 सीटों पर ही जीत मिल सकी थी. इस बार बीजेपी के साथ आजसू, जेडीयू और लोजपा-रामविलास भी सहयोगी हैं. दूसरी ओर प्रचंड बहुमत से सत्ता में आए हेमंत सोरेन भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गए.


ये भी पढ़ें- झारखंड में BJP के स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी,PM मोदी समेत 40 नेताओं को जिम्मेदारी


मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उन्हें जेल तक जाना पड़ा था. जेल जाते समय उन्होंने कोल्हान टाइगर यानी चंपई सोरेन को सीएम बना दिया था, लेकिन जेल से आते ही उन्हें सीएम पद से हटा दिया. चंपई नाराज होकर वे बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी अब चंपई की मदद से आदिवासी वोट बैंक साधने की कोशिश में जुट गई है. झारखंड में आदिवासी मतदाता किसी भी चुनाव का निर्णायक फैक्टर होते हैं. सोरेन और JMM ने इस वोट बैंक को मजबूत किया है, लेकिन बीजेपी भी इसे अपने पक्ष में करने की कोशिश में है. इसके अलावा हेमंत सोरेन को एंटी इनकंबेंसी का भी सामना करना पड़ेगा. उधर हेमंत सोरेन लगातार बीजेपी पर उनकी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाकर आदिवासियों की सहानुभूति लूटने की कोशिश कर रहे हैं. उनका यह दांव कितना सफल होगा, यह चुनाव नतीजे आने के बाद पता चल सकेगा.


बिहार-झारखंड की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Bihar-Jharkhand News in Hindi और पाएं Bihar-Jharkhand latest news in hindi हर पल की जानकारी. बिहार-झारखंड की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!