JDU Executive Meeting: नीतीश कुमार क्या फिर कुछ बड़ा करने वाले हैं? JDU कार्यकारिणी बैठक को लेकर सियासी पारा चढ़ा
JDU Executive Meeting: बीजेपी के साथ गठबंधन के बाद जेडीयू की ये पहली मीटिंग है. इसे लेकर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है. इस बैठक से ठीक पहले बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बीजेपी की अगुवाई में उतरने की वकालत की है.
JDU Executive Meeting: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल (शनिवार, 29 जून) को दिल्ली में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार ने कार्यकारिणी बैठक बुलाई थी और बिहार की सरकार बदल गई थी. उस बैठक में नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए में वापसी करने का फैसला लिया था. बीजेपी के साथ गठबंधन के बाद जेडीयू की ये पहली मीटिंग है. इसे लेकर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है. इस बैठक से ठीक पहले बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बीजेपी की अगुवाई में उतरने की वकालत की है. उन्होंने दावा किया है कि इससे बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आएगी और एनडीए की सरकार बनेगी. हालांकि, बीजेपी ने 2025 के विधानसभा चुनाव में भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में उतरने का ऐलान किया है.
अश्विनी चौबे का बयान जेडीयू नेताओं को पसंद नहीं आया है. चौबे के बयान के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने गुरुवार (27 जून) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर जाकर मुलाकात की. इस मुलाकात को अश्विनी चौबे के बयान से जोड़कर देखा गया. हालांकि, नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद सम्राट चौधरी ने कहा कि वो हमारे मुख्यमंत्री है. हम लोगों के बीच वार्ता होते रहती है. हम उनसे बात करने गए थे.
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उधर जेडीयू नेताओं ने भी कार्यकारिणी बैठक में कुछ बड़े निर्णय लिए जाने की बात कही है. जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी भी दिल्ली पहुंच चुके है. पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों को बैठक के बारे में जानकारी देते हुए मदन सहनी ने कहा कि कुछ अच्छे निर्णय लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद यह बैठक आहूत की गई है तो निश्चित तौर पर संगठन के लिहाज से यह बड़ा बैठक है और कुछ अच्छे निर्णय लिए जाएंगे. वहीं सियासी जानकारों का कहना है कि इस बैठक में जेडीयू को नया अध्यक्ष मिल सकता है.
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बता दें कि दिसंबर 2023 में हुई जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह को हटाकर नीतीश कुमार ने अपने हाथों में पार्टी की कमान ले ली थी. अब सियासी जानकारों का कहना है कि सरकारी व्यस्तता की वजह से नीतीश कुमार पार्टी पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं. ऐसे में पहला विकल्प ये है कि पार्टी नया अध्यक्ष मिल सकता है. अध्यक्ष पद के दावेदारों में नीतीश कुमार के भरोसेमंद नेता और नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार एक मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. मनीष वर्मा के नाम की चर्चा भी है. वह भी कुर्मी समाज से हैं और नीतीश कुमार के सलाहकार हैं. दोनों नेता नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से संबंध रखते हैं.