Devesh Chandra Thakur Resigned: जेडीयू नेता देवेश चंद्र ठाकुर ने बिहार विधान परिषद के सभापति पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने शुक्रवार (14 जून) को अपना इस्तीफा सौंप दिया. विधान परिषद सचिवालय की ओर से इस संबंध में अधिकारिक सूचना भी जारी कर दी गई है. बता दें कि 2020 में उन्हें बिहार विधान परिषद् के द्विवार्षिक निर्वाचन में तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से चुना गया था. जिसके बाद 25 अगस्त 2022 को उन्हें बिहार विधान परिषद के सभापति बनाया गया था. अब उन्होंने इस जिम्मेदारी से इस्तीफा दे दिया है. जिसके बाद अब सभापति की कुर्सी खाली हो गई है. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विधान परिषद के सभापति के लिए नया चेहरा खोजना होगा.


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एनडीए गठबंधन में बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद बीजेपी के पास है तो बिहार विधान परिषद के सभापति की कुर्सी जेडीयू के पास है. लिहाजा नया सभापति भी जेडीयू से ही होगा. नए सभापति के लिए कई नामों की चर्चा हो रही है. जिन नामों की चर्चा सबसे तेज है उसमें सीनियर लीडर रामवचन राय, गुलाम गौस, पूर्व कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह के साथ-साथ नीरज कुमार के नाम शामिल हैं. हालांकि,यह तय माना जा रहा है कि उस कुर्सी पर वही एमएलसी बैठेगा, जिसके नाम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुहर लगाएंगे. देवेश चंद्र ठाकुर भी नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं.  


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बता दें कि देवेश चंद्र ठाकुर इस बार सीतामढ़ी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में थे और उन्हें जीत भी हासिल हुई है. सांसद बनने के बाद उनका इस्तीफा तय माना जा रहा था और इसी के चलते उन्होंने शुक्रवार को कुर्सी खाली कर दी. अब इस पर नये नेता को बिठाने के लिए एनडीए ने तैयारी शुरू कर दी है. मौजूदा समय में बिहार विधान परिषद में कुल 75 सदस्य हैं. इसमें बीजेपी 24 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. उसके बाद जदयू के 21 सदस्य हैं देवेश चंद्र ठाकुर का सीट भी खाली हो रहा है, जिस पर आने वाले समय में चुनाव होगा. ऐसे में जदयू के सदस्यों की संख्या घटकर 20 हो जाएगी.