पटना: जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने 22 जुलाई से शुरू हो रहे बजट सत्र से एक दिन पहले बिहार को स्पेशल राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को दोहराया. बजट सत्र से एक दिन पहले रविवार को केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस बैठक में विशेष तौर पर जदयू ने बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग की. इसे लेकर राजीव रंजन ने कहा कि नीतीश कुमार 2005 से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर केंद्र सरकार की ओर से उस राज्य को विकास कार्यों पर होने वाले खर्चों में अच्छी राशि मिलती है. हम लोगों की ओर से बार-बार विशेष राज्य की मांग रहेगी. लेकिन, जब तक विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलता है, तब तक हमें अतिरिक्त फंड दिया जाए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने कहा कि तीन साल पहले केंद्र सरकार ने हमें 1 लाख 25 करोड़ रुपये दिए थे. हम लोगों ने आग्रह किया है कि जब तक विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलता है, तब तक यह अतिरिक्त फंड दिया जाए. इससे राज्य का विकास बाधित नहीं होगा. बिहार प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी रविवार को कहा कि संसद के बजट सत्र में राज्य के एनडीए नेताओं को बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग करनी चाहिए.


उन्होंने कहा कि बिहार के एनडीए नेताओं को 22 जुलाई से शुरू हो रहे सत्र में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करनी चाहिए. साथ ही पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया जाना चाहिए. महंगाई कम होनी चाहिए, टैक्स कम होने चाहिए, गैस सिलेंडर के दाम कम होने चाहिए, सार्वजनिक क्षेत्र में कुछ निवेश होना चाहिए, तभी बिहार समृद्ध होगा.


इनपुट- आईएएनएस


ये भी पढ़ें- Bihar Politics: मंत्री दिलीप जायसवाल ने महागठबंधन पर कसा तंज, कहा- सीएम आवास से चलता था अपराध