Patna Lathicharge: पटना में गुरुवार को आयोजित विधानसभा मार्च में शामिल होने के लिए जहानाबाद से शहर महामंत्री विजय कुमार सिंह भी आए हुए थे. अफसोस की बात यह कि अब वे अपने गांव कल्पा नहीं जा पाएंगे. पटना से अब उनकी लाश ही गांव जाएगी, क्योंकि विधानसभा मार्च के दौरान पुलिसवालों की लाठी की भूख के वे शिकार हो गए और अस्पताल में डाॅक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. भाजपाइयों ने इस बिहार सरकार की ओर से किया गया मर्डर करार दिया है. सुशील कुमार मोदी ने तो ऐलानिया कहा है कि वे ऐसी सरकार को छोड़ेंगे नहीं, जो उनके कार्यकर्ताओं की हत्या में शामिल हो. 


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विजय कुमार सिंह की मौत की खबर जब गांव पहुंची तो एकबारगी तो किसी को विश्वास नहीं हुआ. पहले विजय कुमार सिंह के घायल होने का फोन गया और उसके कुछ देर बाद खबर आई कि विजय कुमार सिंह नहीं रहे. पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई. मां-बहन और पूरे परिजन दहाड़े मारकर रोने लगे. लंबे समय तक लोगों में संशय रहा कि विजय कुमार सिंह की मौत की खबर सच्ची है या झूठी. 


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विजय कुमार सिंह के चाचा ने बताया, पटना से किसी रूपेश का फोन आया. पहले रूपेश ने बताया कि विजय कुमार सिंह घायल हैं और कुछ देर बाद उसी का फोन आया कि विजय कुमार सिंह की जान जा चुकी है. इस खबर से सभी का दिल बैठ गया और पूरे गांव में मातम पसर गया. 


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विजय कुमार सिंह के बारे में बात करें तो पिता श्रीराम सिंह हाई स्कूल दाउदपुर से रिटायर्ड क्लर्क हैं और मां दुलेश्वरी देवी का कुछ साल पहले ही देहात हुआ था. पति की मौत की खबर सुन पत्नी पुष्पा देवी को जैसे काटो तो खून नहीं वाली हालत हो गई है. विजय कुमार सिंह तीन बेटियों और एक बेटे भोलाशंकर के पिता थे. 


अब बात करते हैं विजय कुमार सिंह के राजनीतिक जीवन की. 2003 में भाजपा के जहानाबाद प्रखंड के कल्पा के पंचायत अध्यक्ष, 2006 में जहानाबाद प्रखंड भाजपा अध्यक्ष के अलावा प्रखंड बीस सूत्री के उपाध्यक्ष और 2009 में भाजपा के जहानाबाद के जिला मंत्री बने थे.