Jharkhand Assembly Elections 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में खूंटी विधानसभा सीट पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. यह सीट पहले कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी, लेकिन 2000 से भाजपा ने इस पर कब्जा जमा रखा है. भाजपा के नेता नीलकंठ सिंह मुंडा पिछले 25 साल से इस सीट से विधायक हैं और इस बार भी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. अब कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) गठबंधन की कोशिश है कि वे इस बार इस सीट को भाजपा से छीन लें.


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खूंटी विधानसभा सीट का इतिहास
इस सीट का चुनावी इतिहास दिलचस्प रहा है. आजादी के बाद के शुरुआती चार चुनावों में झारखंड पार्टी ने जीत हासिल की थी, फिर 1967 में पहली बार कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज की. 2000 तक कांग्रेस ने खूंटी विधानसभा सीट पर सात बार जीत हासिल की. 2000 में भाजपा के नीलकंठ सिंह मुंडा ने कांग्रेस की सुशीला केरकेट्टा को हराकर इस सीट पर भाजपा का कब्जा कर लिया. इसके बाद से ही भाजपा इस सीट पर लगातार जीतती आ रही है और नीलकंठ सिंह मुंडा यहां के विधायक बने हुए हैं.


खूंटी में सीटों का महत्व 
खूंटी का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है और यहां जनजातीय मतदाताओं का प्रभाव है. झारखंड के अन्य हिस्सों की तरह, यहां भी जनजातीय समुदाय की समस्याएं और उनके मुद्दे चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं. खूंटी जिला, जो पहले रांची का हिस्सा था, अब एक अलग जिला बन चुका है. साथ ही विधानसभा चुनावों का ऐलान होते ही सभी पार्टियां अपनी रणनीतियां बनाने में जुट गई हैं. भाजपा फिर से सरकार बनाने के लिए पूरे प्रयास में है, वहीं जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन के सामने सरकार बचाने की चुनौती है. खूंटी सीट पर कांग्रेस और जेएमएम की कोशिश होगी कि वे भाजपा के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार को उतारें ताकि इस सीट को जीत सकें.


खूंटी जिले की जनसंख्या लगभग 1.24 लाख
खूंटी जिले की जनसंख्या लगभग 1.24 लाख है और यह जिले का मुख्यालय भी है. यहां पर 13 नवंबर को मतदान होना है. नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 25 अक्टूबर तक नामांकन भरे जा सकते हैं. इसके बाद 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 30 अक्टूबर तक उम्मीदवार अपने पर्चे वापस ले सकते हैं. सामान्य उम्मीदवारों के लिए सिक्योरिटी मनी 10,000 रुपये और एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए 5,000 रुपये निर्धारित की गई है. चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार को अधिकतम 40 लाख रुपये तक खर्च करने की अनुमति दी गई है.


इसके अलावा इस चुनाव में खूंटी सीट का नतीजा तय करेगा कि यहां की जनता किसके साथ खड़ी है. भाजपा इसे अपने गढ़ की तरह मानती है, लेकिन कांग्रेस और जेएमएम इसे अपने गठबंधन की ताकत से फिर से जीतने की उम्मीद कर रहे हैं.


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