Jharkhand Election Results 2024: महिलाओं ने झारखंड की घुमावदार राजनीति को घनचक्कर में डाला, आधी आबादी के वोट पर किसका हक
Jharkhand Election Results 2024: झारखंड के महिलाओं की इस बात के लिए तारीफ की जानी चाहिए कि 2014 के बाद से मतदान के मामले में उन्होंने पुरुषों को लगातार पीछे छोड़ा है. 2014 में पुरुषों पर मात्र 1 प्रतिशत की बढ़त हासिल करने वाली महिलाओं ने 2024 में उस बढ़त को 5 प्रतिशत पर पहुंचा दिया है.
Jharkhand Election Results 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधन के नेताओं ने अपनी अपनी जीत के दावे किए थे, लेकिन जब एग्जिट पोल आया तो दोनों ओर के नेताओं का दिमाग चकरा गया. कुछ एग्जिट पोल ने एनडीए तो कुछ ने इंडिया की जीत के दावे कर दिए. इस तरह पहले से ही घुमावदार रही झारखंड की पॉलिटिक्स ने और घनचक्कर में डाल दिया. एक तो इस बार मतदाताओं ने कुछ ज्यादा उत्साह से मतदान किया, लेकिन अब राजनीतिक पंडित समझ नहीं पा रहे हैं कि बढ़े हुए मतदान पर किसका अधिकार होने वाला है. अब एक और ट्विस्ट सामने आया है. 2014, 2019 की तरह 2014 में भी महिला वोटरों का मत प्रतिशत पुरुष वोटरों की तुलना में ज्यादा रहा है. इस बार पुरुषों के मुकाबले 5 प्रतिशत अधिक महिलाओं ने वोटिंग की है. अब यह भी राजनीतिक पंडितों की समझ के बाहर है कि ये जो महिलाएं घरों से निकलकर ईवीएम तक पहुंची हैं, वो किसे जिताने के लिए निकली थीं. दोनों पक्ष महिला वोटरों पर अपने दावे कर रहे हैं.
READ ALSO: हेमंत सोरेन या फिर बाबूलाल मरांडी... कौन बनेगा झारखंड का झंडाबरदार
झारखंड में पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,31,63,429 है, जिनमें से 85,64,524 पुरुषों ने मताधिकार का प्रयोग किया. इस तरह 65.06 प्रतिशत पुरुषों ने वोटिंग की. महिलाओं की बात करें तो झारखंड में 1,29,37,507 महिला मतदाताओं में से 91,16,321 ने मताधिकार का प्रयोग किया. इस तरह कुछ 70.04 प्रतिशत महिलाओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया. इस तरह पुरुषों के मुकाबले 5 प्रतिशत ज्यादा यानी कुल 5,51,797 महिलाओं ने नई सरकार चुनने के लिए मताधिकार का प्रयोग किया.
अब महिलाओं के बढ़े हुए वोट को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष की ओर से दावेदारी तेज हो गई है. सत्तापक्ष यानी हेमंत सोरेन सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि मईयां सम्मान योजना के चलते महिलाओं ने आगे बढ़ चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया है तो विपक्ष यानी भाजपा और एनडीए नेताओं का दावा है कि महिला अपराध से आजीज होकर महिलाओं ने सरकार को बदलने के लिए मत दिया है. अब 23 नवंबर को यह साफ हो जाएगा कि महिलाओं ने जो आगे बढ़कर चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लिया है, वो किसके पक्ष में जाएगा.
READ ALSO: एग्जिट पोल हो जाएंगे गलत? देखें झारखंड रिजल्ट को लेकर क्या कह रहा फलोदी सट्टा बाजार?
एक बात गौरतलब है कि 2014 के चुनाव में झारखंड में महिला वोटरों ने पुरुष वोटरों की तुलना में महज 1 प्रतिशत की बढ़त बनाई थी और केवल 10 साल में यह बढ़त अब 5 प्रतिशत तक जा पहुंची है. जाहिर है कि राजनीति में महिलाओं ने रुचि जगाई है और अपनी स्वतंत्र सोच के साथ मतदान करने के लिए पहुंच रही हैं. अगर महिलाओं ने ऐसे ही राजनीतिक प्रक्रिया में अपने उत्सुकता को बनाए रखा तो न केवल मतदान प्रतिशत बढ़ता चला जाएगा, बल्कि महिला नेतृत्व और महिलाओं के मुद्दे को लेकर भी सोच बदलती चली जाएगी.