रांची: Jharkhand Politics: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि यह लोग हर वह काम अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए करते हैं. यह जनता के बीच में नहीं बल्कि एन केन प्रकारेण अड़ंगा लगाने पर लगे हैं. इन्होंने जो विगत 20 वर्षों में यहां के नौजवानों के साथ उनके भविष्य के साथ जो खिलवाड़ किया है और अब जब देख रहे हैं की नीतियों की झड़ी लगी पड़ी है. इसके अलावा और भी हजारों की नियुक्तियां आनी है उस को प्रभावित करना चाहते हैं. वहीं उन्होंने कहा कि कई बार हमें ऐसी शिकायतें मिली हैं और हम चाहते हैं कि कदाचार मुक्त हो हर परीक्षा हम उसी का समाधान ढूंढ रहे हैं.


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बीजेपी के विधायक इसे काला कानून कह रहे हैं तो उनसे एक मशवरा देना चाहेंगे कि दूसरे राज्य के बिल को अगर देखें विशेषकर गुजरात में उसका भी बिल पढ़ कर देख ले फिर कोर्ट जाएं या कहीं जाएं. वहां के लिए वाह-वाह और यहां के लिए हाय तौबा ये सही नहीं होगा. इस बिल के पारित करने से फायदा यह हुआ कि वैसे प्रतिभावान बच्चे विधानसभा की ओर नजर बनाए हुए थे कि कैसे कदाचार मुक्त परीक्षा हो और जो मेधावी बच्चे हैं वह निकल कर सामने आए. इस बिल के आने से परीक्षाएं कदाचार मुक्त होंगी.


बीजेपी विधायक अमर बावरी ने कहा कि झारखंड विधानसभा में काला कानून पास हुआ है. नकल करने के रोकथाम के लिए लाया गया है लेकिन इसके पीछे जो कानून बनाए गए हैं वह छात्रों के लिए आघातकारी है और छात्रों के जीवन में अंधकार लाने वाला है. कानून के माध्यम से एग्जाम कंडक्ट नहीं कराने वाली एजेंसियों पर कोई उंगली या नहीं उठा सके इसके लिए भय का वातावरण तैयार करने की साजिश है. बहुमत के अहंकार में सरकार ने यह बिल पास किया है. सदन से लेकर सड़क तक इसका विरोध होगा। जिस प्रकार से कानून का प्रावधान किया गया है वह सही नहीं.


 इनपुट- कामरान जलीली


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