Jharkhand Politics: झारखंड की सियासत में बुधवार (3 जून) को नाटकीय परिवर्तन देखने को मिले. चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और हेमंत सोरेन ने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया. इससे पहले सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं और विधायकों ने यहां चंपई सोरेन के आवास पर एक बैठक में सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) विधायक दल का नेता चुना. इस तरह से हेमंत सोरेने को बहुमत हासिल है और वह एक बार फिर से झारखंड की कमान संभालने जा रहे हैं. ऐसे में सवाल ये है कि क्‍या चंपई सोरेन अपने आप चले गए या उनको मजबूरी में जाना पड़ा? बीजेपी ने तो इसे लेकर चंपई सोरेन पर जोरदार तंज कसा है. 


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झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने चंपई सोरेन पर तंज कसते हुए कहा कि कोल्हान का टाइगर कहलाने वाले चंपई सोरेन आज चूहा बन गए हैं. मरांडी ने आगे कहा कि झामुमो के आदिवासी नेताओं को यह समझ में आ जाना चाहिए कि उनकी भूमिका केवल शिबू सोरेन परिवार की पालकी ढोने की होती है. चंपई सोरेन चूंकि उस परिवार के नहीं हैं, इसलिए उन्हें इस्तीफा दिलवाया गया है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सोरेन परिवार ने सीएम चंपई सोरेन को बार-बार अपमानित किया है. विधायक दल की बैठक में भी उन्हें किनारे की कुर्सी पर बिठाया गया, जबकि वे सीएम के तौर पर विधायक दल के नेता हैं.


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NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री पद पर हेमंत सोरेन की वापसी से चंपई सोरेन खुश नहीं हैं. JMM विधायक दल की बैठक में जिस तरह से चंपई को इग्नोर करके हेमंत सोरेन को नेता चुना गया, उससे चंपई सोरेन 'अपमानित' महसूस कर रहे हैं. उधर जानकारी के मुताबिक, 7 जुलाई को हेमंत सोरेन तीसरी बार सीएम पद की शपथ ले सकते हैं. सोरेन के साथ उनके मंत्री भी शपथ ले सकते हैं. सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट में मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन नहीं होंगे. उन्हें गठबंधन में कोई अहम जिम्मेदारी दी जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, चंपई सोरेन को JMM का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है. वहीं इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि मैंने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है. हमने नेतृत्व परिवर्तन किया था. हेमंत सोरेन के आने के बाद हमारे गठबंधन ने उन्हें एक बार फिर नेता चुना. मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. 


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बता दें कि हेमंत सोरेन मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप के चलते जेल गए थे. उन पर 31 करोड़ रुपए से अधिक की 8.86 एकड़ जमीन अवैध रूप से हासिल करने का आरोप है. 31 जनवरी को ही गिरफ्तारी से पहले उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद ये माना जा रहा था कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को सूबे के सीएम पद का जिम्‍मा सौंपा जा सकता है, लेकिन अनुभव को देखते हुए चंपई सोरेन को बतौर मुख्यमंत्री झारखंड की जिम्मेदारी दी गई थी. 2 फरवरी को चंपई सोरेन ने झारखंड के 12वें मुख्‍यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी.