रांची: Jharkhand Politics: झारखंड के जामताड़ा से कांग्रेस विधायक डॉ. इरफान अंसारी ने पार्टी नेतृत्व को चेतावनी दी है कि राज्य में एक भी सीट पर मुसलमान को उम्मीदवार नहीं बनाया जाना आत्मघाती कदम होगा. लोकसभा चुनाव के साथ-साथ आने वाले विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा.


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'क्या 18 फीसदी आबादी सिर्फ वोट देने के लिए?'
दरअसल, इरफान अंसारी गोड्डा लोकसभा सीट पर अपने पिता पूर्व सांसद फुरकान अंसारी की उम्मीदवारी की मांग कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने उनके नाम की अनुशंसा नहीं की है. इरफान अंसारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "18 प्रतिशत आबादी होने के बावजूद झारखंड में एक सीट मुसलमान को नहीं देना पार्टी की बहुत बड़ी भूल और आत्मघाती कदम होगा. पार्टी के इस निर्णय से समाज में भारी आक्रोश है. इतनी बड़ी आबादी को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. कुछ नेताओं ने भ्रम फैलाया है कि अगर मुसलमान को टिकट दिया गया तो वोटों का ध्रुवीकरण हो जाएगा."


लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा पर भी पड़ेगा गहरा प्रभाव
अंसारी ने पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, "2, 3, 4 प्रतिशत आबादी वालों को टिकट मिल रहा है तो क्या 18 प्रतिशत वाला सिर्फ वोट देने के लिए है? पार्टी इस पर विचार करे नहीं तो लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा. मुसलमानों के वोट को कांग्रेस पार्टी हल्के में ना ले." उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय को नजरअंदाज करने का ही नतीजा है कि अन्य राज्यों में इनका वोट क्षेत्रीय पार्टियों की तरफ चला गया है. मुसलमान खुद को ठगा महसूस कर रहा है.
इनपुट- आईएएनएस के साथ


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