Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों विपक्षी एकता की कवायद में जुटे हैं. वो 12 जून को राजधानी पटना में मोदी विरोधियों को एक मंच पर खड़ा करके विपक्ष की ताकत का प्रदर्शन करने वाले हैं. वहीं इससे पहले उनके साथी जीतन राम मांझी उन्हें झटका देने की योजना बना रहे हैं. 2024 में सीटों को लेकर मांझी ने अभी से नीतीश को आंखें दिखानी शुरू कर दी हैं. उन्होंने अपनी पार्टी के लिए जो मांग रखी है वह नीतीश के लिए गले से उतारना भी मुमकिन नहीं लगता है.


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दरअसल, मांझी ने भी साफ कह दिया है 2024 लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को यदि 5 सीट नहीं मिली तो वह अपना रास्ता देख लेंगे. उन्होंने तो कहा कि वह इससे ज्यादा के हकदार हैं लेकिन इतना भी नहीं मिला तो वह चल देंगे. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि नीतीश कुमार हम सभी को सम्मानजनक सीटें देते हैं तो अच्छा होगा. इतना ही नहीं उन्होंने दावा किया कि हम जिधर रहेंगे, उधर जीतेंगे. ये सभी को पता है. अब उनके इस तरह के बयान से महागठबंधन में खलबली मच गई है. मांझी के बयान को जेडीयू ने प्रेशर पॉलिटिक्स बताया है.


मांझी पर जेडीयू की प्रतिक्रिया 


जेडीयू के दिग्गज नेता और बिहार सरकार में मंत्री श्रवण कुमार ने मांझी के सवाल पर कहा कि अभी सभी दल पॉलिटिकल एक्सरसाइज कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी सभी दल अपनी-अपनी रणनीति बना रहे हैं. अपने-अपने दल से कौन कहां से लड़ेंगे, कैसे लड़ेंगे? इस पर जब साझा बातचीत होगी तब जानकारी मिलेगी. जेडीयू नेता ने साफ कहा कि जब तक बड़े नेता नहीं बैठेंगे तब तक फाइनल नहीं होगा. मांझी का नाम ना लेते हुए श्रवण कुमार ने कहा कि ब लोगों को धैर्य रखना चाहिए और धैर्य के साथ काम करना चाहिए.


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एनडीए के साथ जाएंगे मांझी?


उधर मांझी के इस तरह की बयानबाजी से कहा जा रहा है कि वह 2024 का चुनाव NDA की तरफ से लड़ेंगे. इस बात का अंदेशा जेडीयू को भी है कि मांझी महागठबंधन का साथ छोड़ सकते हैं. यही वजह है कि नीतीश कुमार के दूत बनकर विजय चौधरी जीतन राम मांझी के पास आए थे. जानकारी के मुताबिक, दोनों के बीच तकरीबन एक घंटे तक बातचीत चली थी लेकिन बातचीत का कोई हल नहीं निकल सका था. कहा तो ये भी जा रहा है कि महागठबंधन में आरजेडी के दबदबे के चलते मांझी को कोई खास स्कोप नजर नहीं आ रहा है. इसलिए अब वो नया आशियाना तलाश रहे हैं.