Kalpana Soren: कलपना सोरेन बनीं झारखंड की राजनीति की `पावर लेडी`, घर की चौखट से सियासी मंच तक ऐसा रहा सफर
Kalpana Soren: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन पार्टी में एक शक्तिशाली नेता के रूप में उभरी हैं, जिन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में नयी जान फूंक दी है.
रांचीः Kalpana Soren: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन पार्टी में एक शक्तिशाली नेता के रूप में उभरी हैं, जिन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में नयी जान फूंक दी है. गृहिणी कल्पना के लिए राजनीति कभी उनकी पहली पसंद नहीं थी, लेकिन 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके पति की गिरफ्तारी के बाद उनकी राजनीतिक यात्रा शुरू हुई. ईडी ने कथित भूमि धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधम मामले में हेमंत को गिरफ्तार किया था. अपने पति की कानूनी लड़ाइयों से उत्पन्न व्यक्तिगत और राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद, 48 वर्षीय कल्पना ने एक लचीली और तेजतर्रार नेता होने का परिचय दिया है.
कल्पना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोध में एक मुखर व्यक्तित्व के रूप में उभरीं और उन्होंने भाजपा पर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को निशाना बनाने वाली ‘‘अत्याचारी ताकत’’ होने का आरोप लगाया. कल्पना का नेतृत्व विशेष रूप से लोकसभा चुनावों के दौरान प्रमुख हो गया, जहां उन्होंने जोरदार प्रचार किया और झारखंड में झामुमो के प्रयासों का नेतृत्व किया, जिससे उन्हें आदिवासी समुदायों और अन्य लोगों का समर्थन प्राप्त हुआ.
जुलाई में अपने पति की जेल से रिहाई और उसके बाद हेमंत सोरेन के दोबारा मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद कल्पना के राजनीतिक उत्थान को महत्वपूर्ण गति मिली. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आदिवासी स्वभाव से ही उत्पीड़न के आगे नहीं झुकते और यह भावना राज्य में कई लोगों में व्याप्त है. कल्पना का संदेश स्पष्ट था कि वह अपने पति के सिद्धांतों से समझौता करने से इनकार करने से प्रेरणा लेते हुए ‘‘अन्याय और तानाशाही ताकतों’’ के खिलाफ मजबूती से खड़ी हैं.
कल्पना की राजनीतिक यात्रा चार मार्च को गिरिडीह जिले में झामुमो के 51वें स्थापना दिवस समारोह से शुरू हुई, जहां उन्होंने दावा किया कि 2019 में हेमंत सोरेन सरकार के सत्ता में आने के बाद से विरोधियों द्वारा उनके खिलाफ एक साजिश रची गई थी. हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को ईडी ने कथित भूमि धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी से पहले उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. जून में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ हुए गांडेय उपचुनाव में कल्पना ने अपने निकटतम भाजपा प्रतिद्वंद्वी दिलीप कुमार वर्मा को 27,149 मतों से हराया और तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
इस बार विधानसभा चुनाव में अपनी करीब 200 रैलियों के जरिए कल्पना ने पार्टी में नया जोश भर दिया है और एक ताकतवर चेहरा बनकर उभरी हैं. कल्पना ने अपनी स्कूली शिक्षा ओडिशा के मयूरभंज जिले के बारीपदा में पूरी की और भुवनेश्वर से इंजीनियरिंग और एमबीए की डिग्री हासिल की.
इनपुट- भाषा के साथ
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