Kharsawan Assembly Seat: खरसावां विधानसभा सीट झारखंड की राजनीति में बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है. यह सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है और हर चुनाव में इस पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलता है. खरसावां की पहचान अपने आदिवासी संस्कृति और जनजातीय परंपराओं के लिए होती है और इसी कारण यहां के चुनावी मुद्दे भी खास होते हैं. यहां पर बीजेपी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस का प्रमुख प्रभाव है. पिछले कुछ चुनावों में बीजेपी ने इस सीट पर अच्छी पकड़ बनाई हुई है, लेकिन झामुमो भी यहां एक सशक्त चुनौती देता रहा है. कांग्रेस ने भी इस बार अपने उम्मीदवार को लेकर रणनीति बनाना शुरू कर दी है ताकि इस सीट पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई जा सके.


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राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार 2024 के विधानसभा चुनावों में खरसावां सीट पर कई प्रमुख उम्मीदवारों के मैदान में उतरने की संभावना है. बीजेपी के पास पुराने और अनुभवी नेता हैं, जो इस बार फिर से टिकट के दावेदार हो सकते हैं. पार्टी का मानना है कि विकास के मुद्दे पर उनका उम्मीदवार यहां अच्छा प्रदर्शन कर सकता है. वहीं, झामुमो अपने परंपरागत जनाधार को मजबूत करते हुए एक दमदार आदिवासी नेता को उतारना चाहता है, ताकि उन्हें स्थानीय लोगों का समर्थन मिल सके. कांग्रेस भी किसी नए और स्थानीय चेहरे को टिकट देने का विचार कर रही है, जिससे जनता से बेहतर जुड़ाव हो सके.


राजनीतिक विशेषज्ञों ने आगे कहा कि खरसावां के मतदाताओं के लिए मुख्य मुद्दे रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और जल-जंगल-जमीन से जुड़े हुए हैं. आदिवासी समाज के लिए जमीन और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा बहुत बड़ा मुद्दा होता है और हर पार्टी यहां के लोगों को आश्वासन देती है कि वह उनके अधिकारों की रक्षा करेगी. इसके अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की मांग भी प्रमुखता से उठाई जा रही है. यहां के लोग चाहते हैं कि उनके क्षेत्र में अच्छे स्कूल और अस्पताल हों, ताकि उन्हें बेहतर सेवाएं मिल सकें. वहीं, रोजगार की कमी और पलायन भी चुनावी चर्चा का बड़ा मुद्दा है. खरसावां के युवाओं को रोजगार के लिए दूसरे शहरों का रुख करना पड़ता है और इसी कारण से हर पार्टी रोजगार के अवसर बढ़ाने के वादे कर रही है. झामुमो और कांग्रेस का कहना है कि अगर वे सत्ता में आते हैं, तो यहां के युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के अवसर मिलेंगे. बीजेपी का दावा है कि पिछले कार्यकाल में उसने क्षेत्र में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत की, जो आने वाले समय में रोजगार सृजन में मददगार साबित होंगी.


इसके अलावा खरसावां विधानसभा चुनाव में हर पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर रही है. चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, वैसे-वैसे प्रचार का दौर तेज होता जा रहा है. बीजेपी अपने पुराने नेता पर भरोसा जता रही है, तो झामुमो किसी दमदार स्थानीय चेहरे को सामने लाने की कोशिश में है. कांग्रेस भी जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए एक नई रणनीति पर काम कर रही है. कुल मिलाकर खरसावां विधानसभा सीट पर इस बार का चुनावी मुकाबला कड़ा और रोमांचक होने वाला है. हर पार्टी यह सीट जीतने के लिए जोर-शोर से तैयारियों में लगी हुई है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिरकार इस बार खरसावां की जनता किसे अपना नेता चुनती है.


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