लालू प्रसाद और अखिलेश को सावधान हो जाना चाहिए, यादव सीएम लेकर आ गई है बीजेपी, वोटबैंक को हो सकता है खतरा
Lalu Prasad and Akhilesh : मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने से बिहार और उत्तर प्रदेश के यादव वोटबैंक पर भी असर होने की संभावना है. माना जा रहा है कि भाजपा ने यादव सरनेम वाले व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाकर बड़ा सियासी दांव चला है. अब देखना यह है कि विपक्षी दल कैसे इस दांव की काट खोजते हैं.
Lalu Prasad and Akhilesh : मध्य प्रदेश में देर से ही सही, भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरे का ऐलान कर दिया है. उज्जैन दक्षिणी से जीते विधायक मोहन यादव को भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री बनाने जा रही है. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा एक तीर से कई निशाने साधने की तैयारी कर रही है. सबसे पहले तो कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के ओबीसी वाले मुद्दे को भाजपा ने कुंद करने की कोशिश की है. वहीं जातीय जनगणना के बहाने ओबीसी वोटबैंक को साध रहे सियासी दलों की रणनीति को भी चौपट करने का प्रयास किया है. इसके अलावा बिहार और उत्तर प्रदेश में यादव वोटबैंक के धुरंधरों को भी यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि इस वोटबैंक पर केवल आपका अधिकार नहीं है और हमारे पास भी यादव नेता हैं.
बता दें कि बिहार में लालू प्रसाद यादव और उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव इस वोटबैंक के सबसे बड़े दावेदार हैं. इन दोनों राज्यों में लोकसभा की 120 सीटें हैं और यह बहुत मायने रखती है. इन दोनों राज्यों के वोटरों पर लालू प्रसाद यादव और अखिलेश यादव का एकछत्र राज है. यादव और मुस्लिम वोटबैंक के सहारे ही इन दोनों नेताओं की सियासत चलती है.
मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने से बिहार और उत्तर प्रदेश के यादव वोटबैंक पर भी असर होने की संभावना है. माना जा रहा है कि भाजपा ने यादव सरनेम वाले व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाकर बड़ा सियासी दांव चला है. अब देखना यह है कि विपक्षी दल कैसे इस दांव की काट खोजते हैं.
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