Land For Job Case: 'जमीन के बदले नौकरी' के कथित घोटाले में दिल्ली की एक अदालत ने ईडी पर बड़ी सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने ईडी को फटकार लगाते हुए कहा कि ईडी भी कानून से बंधा हुआ है. आम नागरिकों के साथ वह सख्त कार्रवाई नहीं कर सकता है. अदालत ने यह टिप्पणी पूर्व रेल मंत्री लालू यादव के करीबी व्यवसायी अमित कत्याल के मामले में की है. अदालत ने कत्याल की अंतरिम जमानत को बढ़ाने का विरोध करने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA)-2002 की धारा-50 के तहत निजी अस्पतालों के चिकित्सकों के बयान दर्ज करने के लिए ईडी को फटकार लगाई. ईडी ने इस मामले में एक आरोपी के जमानत का विरोध किया था. 


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विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने कहा कि भारत जैसे लोकतंत्र में नागरिकों के पास अधिकार हैं, जबकि राज्य के पास कुछ कर्तव्य हैं और इस मौलिक संबंध को एक सत्तावादी तर्क को लागू करने के लिए उलटा नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि भारत जैसे लोकतंत्र में नागरिकों के पास अधिकार हैं. जज ने कहा कि एक सरकारी एजेंसी से नागरिक अधिकारों का समर्थक होने की उम्मीद की जाती है. अगर ऐसा नहीं करती है तो अदालत निश्चित रूप से ईडी के पूरी तरह से मनमाने कृत्य को उजागर करने में पीछे नहीं रहेगी.


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अदालत ने ईडी को चेतावनी देते हुए कहा कि नेता, कानून और एजेंसियां आम तौर पर उन्हीं नागरिकों को परेशान करती हैं, जिनकी वे रक्षा करने की कसम खाते हैं. कोर्ट ने कहा कि नागरिकों के अधिकार ईडी को मिली कानूनी ताकतों से पूरी तरह से ऊपर हैं. अदालत ने कहा कि अवैध प्रक्रियाओं के अधीन होने के खिलाफ नागरिकों के अधिकार ईडी द्वारा कानून की पहुंच से पूरी तरह से ऊपर हैं.