क्या बिहार में सीबीआई और ईडी की एंट्री पर लगने वाली है रोक? राजद ने सरकार से की यह मांग
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होली से पहले और होली के बाद लालू यादव के परिवार पर पहले सीबीआई और उसके बाद ईडी की कार्रवाई के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आया हुआ है. एक तरफ बीजेपी तेजस्वी यादव को गिरफ्तार करने की मांग कर रही है तो राजद नेता मोदी सरकार पर सीबीआई और ईडी को हथियार की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगा रहे हैं.
होली से पहले और होली के बाद लालू यादव के परिवार पर पहले सीबीआई और उसके बाद ईडी की कार्रवाई के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आया हुआ है. एक तरफ बीजेपी तेजस्वी यादव को गिरफ्तार करने की मांग कर रही है तो राजद नेता मोदी सरकार पर सीबीआई और ईडी को हथियार की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगा रहे हैं. इस बीच विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सोमवार को राजद की ओर से सीबीआई और ईडी की राज्य में एंट्री पर रोक लगाने की मांग की गई. राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि ईडी और सीबीआई को राज्य में घुसने से पहले राज्य सरकार से अनुमति लेनी चाहिए और इसके लिए कानूनी प्रावधान बनाए जाने की जरूरत है.
विधायक भाई वीरेंद्र ने की यह मांग
भाई वीरेंद्र ने कहा कि बंगाल समेत कई राज्यों ने इस तरह का प्रावधान किया है. इसी तरह का नियम बिहार में भी बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अन्य कई राज्यों की तरह बिहार में नियम होना चाहिए कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना कोई केंद्रीय एजेंसी छापामार कार्रवाई नहीं कर सकती. सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया. राजद के अलावा कांग्रेस और वाम दल केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई के विरोध में हाथों में तख्ती लेकर ईडी और सीबीआई की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग करने लगे.
सीबीआई को लेकर पहले ही वापस ली जा चुकी है 'सामान्य सहमति'
हालांकि बिहार ने भी पिछले साल महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सीबीआई को लेकर 'सामान्य सहमति' को वापस लेने का ऐलान किया था, लेकिन शायद राजद विधायक भाई वीरेंद्र अन्य एजेंसियों के लिए भी ऐसा कोई नियम लागू करने की मांग कर रहे हैं. सामान्य सहमति वापस लेने का मतलब यह है कि बिहार में कोई भी कार्रवाई करने से पहले राज्य सरकार की सहमति जरूरी होगी. अब समझना यह होगा कि अब तक कितनी राज्य सरकारों ने 'सामान्य सहमति' शब्द को वापस लिया है? इसे लेकर क्या नियम हैं, इसको विस्तार से समझते हैं—
राज्य सरकारें सीबीआई कार्रवाई को कैसे रोकती हैं?
दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टैबलिशमेंट एक्ट, 1946 के तहत सीबीआई यानी केंद्रीय जांच ब्यूरो का गठन हुआ था. इस कानून का सेक्शन 5 कहता है कि केंद्र सरकार जांच शुरू करने की अनुमति देगी. हालांकि सेक्शन 6 कहता है कि सीबीआई को किसी मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति जरूरी है. इस तरह यह साफ है कि राज्य सरकार की मंजूरी के बगैर सीबीआई राज्यों में जांच नहीं कर पाएगी.
किन किन राज्यों ने सामान्य सहमति को लिया वापस?
झारखंड, मेघालय, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार और तेलंगाना ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने सीबीआई के मामले में सामान्य सहमति शब्द को वापस लेने का ऐलान किया है.
ईडी और एनआईए के लिए क्या है नियम?
जिस तरह सीबीआई एक केंद्रीय एजेंसी है, उसी तरह ईडी और एनआईए भी केंद्रीय एजेंसियां हैं. ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय आर्थिक भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच करता है तो एनआईए आतंक से जुड़े मामलों की जांच करता है. इन दोनों एजेंसियों के लिए नियम अलग अलग हैं. इन्हें राज्य सरकार की मंजूरी की जरूरत नहीं है. इस तरह एनआईए और ईडी को देश के किसी भी हिस्से में बिना राज्य सरकार की मंजूरी के जांच का अधिकार है.