Lalu Yadav: लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू की बढ़ी मुश्किलें, केंद्र सरकार ने CBI को केस चलाने की दी मंजूरी
कथित लैंड फॉर जॉब घोटाले मामले मोदी सरकार ने CBI को लालू यादव के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दे दी है. सीबीआई ने यह जानकारी राउज एवेन्यू कोर्ट को दी.
Lalu Yadav News: लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले राजद सुप्रीमो लालू यादव की मुसीबतें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. कथित लैंड फॉर जॉब घोटाले मामले मोदी सरकार ने CBI को लालू यादव के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दे दी है. सीबीआई ने यह जानकारी राउज एवेन्यू कोर्ट को दी. हालांकि, इस मामले में आरोपी तीन अधिकारियों पर केस चलाने की अनुमति सरकार से नहीं मिली है. बता दें कि CBI ने केंद्र से 1 महीने पहले लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत मांगी थी. CBI ने आज यानी मंगलवार (12 सितंबर) को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कथित लैंड फॉर जॉब्स केस में ताजा आरोप पत्र के संबंध में गृह मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है.
CBI ने बताया कि हमने लालू के अलावा रेलवे के 3 अधिकारियों के खिलाफ भी केस चलाने की मंजूरी मांगी थी, जो फिलहाल नहीं मिली है. उम्मीद है कि एक हफ्ते में इजाजत मिल जाएगी. उधर लालू यादव के छोटे बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर CBI की ओर से दायर चार्जशीट पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई टल गई है. कोर्ट ने 21 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख तय की गई है. बता दें कि नौकरी के बदले जमीन घोटाला का ये मामला 2004 से 2009 के बीच का है. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव उस समय केंद्र में रेल मंत्री थे. लालू यादव परिवार पर आरोप है कि उनके रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में की गई नियुक्तियों के बदले उन्हें गिफ्ट में जमीन दी गई या फिर कम दाम पर जमीन बेची गई.
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इस कथित घोटाले में लालू यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और बेटी मीसा भारती सहित परिवार के अन्य लोगों पर भी आरोप है. आरोप है कि रेलवे के नियमों में अनदेखी करती हुए लोगों को नौकरी दी गई और इसकी एवज में उनसे लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन लिखवाई गई. सीबीआई ने इस मामले में लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया है. बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को केस दर्ज किया था. सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया.