Hazaribagh Lok Sabha Seat Profile: घने जंगल, खूबसूरत वादियां, कलकल बहती नदियां, जंगल और पठार से घिरे हजारीबाग को झारखंड का शिमला भी कहा जाता है. ये जगह झारखंड के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में शामिल है. प्रकृति ने इसे जितना खूबसूरत बनाया है उतना ही इसकी गोद में खजाने को भी भरा है. यहां की धरती खनिजों से भरी पड़ी है. उत्तर भारत के इस स्वर्ग में नक्सलियों की काली छाया मंडराती है. हजारीबाग की जेल भी काफी प्रसिद्ध है. इसे अंग्रेजों ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को कैद करने के लिए बनवाया था. आपातकाल के दौरान जयप्रकाश नारायण को इसी जेल में रखा गया था. कहते हैं जेपी ने इंदिरा गांधी को सत्ता से हटाने की पटकथा यहीं पर लिखी थी. जेपी के नेतृत्व में हजारों क्रांतिकारी दीवार फांदकर फरार हो गए थे. 


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हजारीबाग लोकसभा सीट, हजारीबाग और रामगढ़ जिले के 5 विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया है. इसमें हजारीबाग, बरही, रामगढ़, मांडू और बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. इस सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हुए जिनमें से कांग्रेस को सिर्फ 2 बार सफलता हासिल हुई. बीजेपी से बगावत करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा यहां से तीन बार सांसद चुने गए थे. 


सिर्फ 2 बार जीती कांग्रेस 


इस सीट पर 1957 से आज तक कांग्रेस और वामपंथियों को सिर्फ 2 बार ही जीत नसीब हुई है. बीजेपी को 6 बार सफलता हासिल हुई तो वहीं समाजवादियों ने भी जीत हासिल की है. कांग्रेस को तो 1984 के बाद से कभी सफलता नहीं मिली. इस सीट की जनता बाहरी प्रत्याशियों को स्वीकार करने में कभी गुरेज नहीं करती. 


इस सीट का चुनावी इतिहास


इस सीट पर पहली बार 1957 में आम चुनाव हुए. इस चुनाव में जनता पार्टी से ललिता राज्य लक्ष्मी ने जीत हासिल की थी. 1962 में स्वतंत्र पार्टी के बसंत नारायण सिंह जीते थे. 1967 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीता था. 1971 में कांग्रेस के दामोदर पांडे को जीत मिली, इस तरह से कांग्रेस का खाता खुला. 1977 और 1980 में बसंत नारायण सिंह ने जनता पार्टी चुनाव लड़ा था और जीते थे. 1984 में कांग्रेस के दामोदर पांडे फिर सांसद बने थे. 


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1996 में पहली बार खिला कमल


1991 और 2004 में भाकियू के भुवनेश्वर प्रसाद मेहता यहां से दिल्ली पहुंचे थे. बीजेपी को सबसे पहली जीत 1996 में हासिल हुई थी. उस चुनाव में महाबीर लाल विश्वकर्मा ने कमल खिलाया था. 1998, 1999 और 2009 में बीजेपी की टिकट पर यशवंत सिन्हा सांसद चुने जा चुके हैं. 2014 से इस सीट से यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा सांसद हैं. 


जयंत सिन्हा का रिपोर्ट कार्ड
  
जयंत सिन्हा के कार्यकाल के दौरान यहां शिक्षा, कृषि, सड़क के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम हुआ है. इस क्षेत्र को नया मेडिकल कॉलेज नगवा में एयरपोर्ट मिला. हजारीबाग-बड़कागांव सड़क बेहतरीन हो गई है. हजारीबाग से लंबी दूरी की ट्रेन सेवा की शुरूआत हुई. गोरिया कर्मा में भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र का निर्माण हुआ. हजारीबाग-रामगढ़ ग्रामीण पाइपलाइन जलापूर्ति योजना की शुरुआत हुई. रामगढ़ में राज्य का पहला महिला इंजीनियरिंग कॉलेज बना.