Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में अब बस कुछ महीने ही बचे हैं, लेकिन विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में अभी तक सीट शेयरिंग का कोई फॉर्मूला तय नहीं हो सका है. इंडी गठबंधन की चार बैठकों के बाद भी सीटों पर पेंच फंसा हुआ है. दरअसल, अलग-अलग राज्यों में सहयोगी दलों के बीच सीटों को लेकर कोई सहमति नहीं बन पा रही है. कई राज्यों में तो स्थिति यह है कि क्षेत्रीय सहयोगी दल किसी भी कीमत पर झुकने को तैयार नहीं हैं. इस मुद्दे को लेकर आज यानी बुधवार (03 जनवरी) को वर्चुअल बैठक होनी थी, वह भी कैंसिल हो चुकी है.


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सीट शेयरिंग में क्या फॉर्मूला निकलेगा, ये देखने वाला होगा. क्योंकि अभी तक तो सभी दल एकला चलो के हिसाब से रणनीति तैयार कर रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, क्षेत्रीय दलों के प्रेशर के बावजूद कांग्रेस पार्टी 290 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्लान बना रही है. कांग्रेस हाईकमान ने 4 जनवरी को एक बड़ी बैठक बुलाई है. इसमें सभी राज्यों के शीर्ष नेता हिस्सा लेंगे और सीटों पर दावेदारी की रिपोर्ट पर फाइनल मुहर लगाई जाएगी. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जो सीटें जीती थीं, उनको किसी भी हालत में नहीं छोड़ा जाएगा. इसके अलावा जिन सीटों पर कांग्रेस नंबर दो की पार्टी रही थी, उन सीटों पर भी उम्मीदवार खड़े किए जाएंगे. 


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कांग्रेस हाईकमान राज्यवार अपने नेताओं से चर्चा करके सीट शेयरिंग का ड्रॉफ्ट तैयार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, जिन राज्यों में क्षेत्रीय दलों का बोलबाला है, वहां कांग्रेस पार्टी झुकने को तैयार है. यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और दिल्ली जैसे राज्यों में क्षेत्रीय दल ही सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय करेंगे. इन राज्यों में कांग्रेस उनकी शर्तों को मानने को तैयार है. हालांकि, पंजाब को लेकर पेंच फंस सकता है. यहां अभी आदमी पार्टी की सरकार है, जबकि मुख्य विपक्षी की भूमिका में कांग्रेस है. 


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उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने साफ कह दिया है कि बंगाल में वह किसी पार्टी से चुनावी समझौता नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन पूरे देश में भाजपा के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ेगा, मगर बंगाल में टीएमसी अकेले बीजेपी के खिलाफ लड़ेगी. ऐसा ही पेच पंजाब और दिल्ली में फंस रहा है, जहां आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग के लिए राजी नहीं है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ द्वारा अखिलेश यादव का अपमान किए जाने के बाद से यूपी में सपा भी कांग्रेस से बदला चुकाने को तैयार बैठी है.