Lok Sabha Election 2024 Kodarma Seat: अभ्रक के खानों से भरा पड़ा झारखंड का कोडरमा जिला यहां प्रदेश और देश की राजनीति में एक खास जगह रखता है. आपको बता दें कि कोडरमा को झारखंड का प्रवेश द्वार कहा जाता है. यहां कोडरमा लोकसभा सीट तीन जिलों में फैला हुआ है. जिसमें कोडरमा का एक, हजारीबाग का एक और गिरिडीह के चार विधानसभा क्षेत्र आते हैं. 1977 में यह लोकसभा सीट अस्तित्व में आया. इस सीट पर 2019 में अन्नपूर्णा देवी यादव ने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की आपको बता दें कि तब झारखंड विकास मोर्चा के संस्थापक और अब झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी उनसे हारे थे. 


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तीन जिलों में फैला हुआ छह विधानसभा क्षेत्रों वाला कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत हजारीबाग का बरकट्ठा , गिरिडीह का धनवर, बागोदर, जमुआ एवं गांडेय और कोडरमा का कोडरमा विधानसभा क्षेत्र आता है. 2014 में भी इस सीट पर भाजपा का कब्जा था और यहां से रविंद्र कुमार राय सांसद थे जिनका टिकट काटकर 2019 में अन्नपूर्णा देवी को भाजपा ने टिकट थमाया था. आपको बता दें कि इस सीट पर दो बार झारखंड के पूर्व मुख्य मंत्री बाबू लाल मरांडी जीत दर्ज कर चुके हैं. एक बार वह 2004 में भाजपा के टिकट पर सांसद बने थे तो वहीं 2009 में वह झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर जीतकर संसद पहुंचे थे. इस सीट पर 12 बर चुनाव हुए हैं और मात्र दो बार कांग्रेस यह सीट जीतने में कामयाब रही है. 


अन्नपूर्णा देवी के बारे में बता दें कि वह भाजपा से टिकट मिलने के कुछ महीने पूर्व तक राजद की प्रदेश अध्यक्ष थीं. कोडरमा को झारखंड की अभ्रक नगरी के नाम से भी लोग जानते हैं. यहां के आदिवासियों ने अंगिरेजों का जमकर विरोध किया था. यह नक्सल प्रभावित इलाका है. 


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झारखंड की राजधानी रांची से इसकी दूरी लगभग 165 किलोमीटर है, यहां बराकर, बरसोती और सकरी जैसी नदियां बहती हैं. ज्यादातर इलाका पहाड़ों और जंगलों से भरा है. यहां का मुख्य शहर झुमरी तिलैया सबको पता है. यहां का झुमरी तिलैया डैम, झरना कुंड धाम, व्रिन्दाहा जलप्रपात यहां लोगों के लिए पर्यटन का मुख्य केंद्र है. इस जिले का निर्माण हजारीबाग को काटकर किया गया है. यह 1994 में जिला बना.  विश्व के पूरे माइका का 90% उत्पादन यहीं इसी जिले में होता है. यहां शक्तिपीठ मां चंचला देवी स्थित है.