INDI Alliance Seat Sharing: विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में सीट बंटवारे को लेकर अभी तक कोई फार्मूला नहीं निकल पाया है. हालांकि, बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पॉलिटिकल पॉवर देखने को मिल रही है. आधुनिक बिहार का चाणक्य कहे जाने वाले नीतीश कुमार के आगे राजद और कांग्रेस दोनों सरेंडर करती हुई दिख रही हैं. दरअसल, नीतीश कुमार ने जिस तरह से अपनी पार्टी की कमान संभाली है, उससे महागठबंधन सरकार के पैर कांपने लगे हैं. सत्ता में बने रहने के कारण राजद और कांग्रेस के पास नतमस्तक होने के अलावा कोई विकल्प नहीं आ रहा है. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी के बयान से तो यही नजर आ रहा है. 


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सीट बंटवारे पर राजद प्रवक्ता ने कहा कि सारा फॉर्मूला तय हो गया है और सही समय पर इसकी घोषणा भी कर दी जाएगी. मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सबसे ज्यादा विधायक वाली पार्टी आरजेडी है तो इसका मतलब ये थोड़े है कि सबसे ज्यादा सीटों पर हम लड़ेंगे. सीटों को लेकर जारी बयानबाजी को खारिज करते हुए राजद प्रवक्ता ने कहा कि कोई 16 सीट बोले या 32 सीट, उसका कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि राजद पूरे 40 सीटों की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा कि हम पूरी 40 सीटों की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि गठबंधन में हम अपने सहयोगियों को भी जिताने में मदद करेंगे. 


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बता दें कि नीतीश कुमार ने जैसे ही जेडीयू की कमान संभाली तो राजद की ओर से तेजस्वी यादव को सीएम बनाने की मांग उठनी बंद हो गई. कांग्रेस पार्टी भी अब इंडी गठबंधन में नीतीश कुमार को संयोजक बनाने में जुटी हुई है. नीतीश की चालें सत्यापित करती रही हैं कि विधायकों एवं सांसदों की संख्या के आधार पर ही जदयू की ताकत का अंदाजा लगाना 100 प्रतिशत सही नहीं होगा. उसके पास नेता के रूप में नीतीश कुमार भी हैं, जिन्हें सभी मानकों से ऊपर की हस्ती माना जाता है. तभी तो 45 विधायकों के साथ नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं और 79 विधायकों के बाद भी तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम हैं.