Lok Sabha Election 2024 Patliputra Seat: बिहार के सबसे VIP सीटों में से एक पाटलिपुत्र लोकसभा सीट का इतिहास जानकर आप भी चौंक जाएंगे. इस लोकसभा सीट को हम वीआईपी सीट क्यों बोल रहे हैं इसके पीछे की वजह जानिए. इस सीट को 2008 के परिसीमन के बाद बनाया गया था. इस सीट पर अभी तक तीन ही बार लोकसभा का चुनाव हुआ है. 2009, 2014 और 2019 इसमें से एक बार लालू यादव और दो बार लालू की बड़ी बेटी मीसा भारती राजद के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी और यहां का राजनीतिक गणित देखिए की हर बार राजद को यहां हार का सामना करना पड़ा. 


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इस सीट पर लालू यादव जैसे दिग्गज नेता को भी जनता ने अपना आशीर्वाद नहीं दिया. एक और मजे की बात यह है कि यहां यादव बनाम यादव ही मुकाबला रहा है. इससे भी मजे की बात यह रही है कि इश सीट पर लालू परिवार को रोकने के लिए भाजपा ने लालू के ही सबसे करीबी सिपहसलार को उतार दिया तो लालू के सानिध्य में हीं राजनीति का क,ख,ग पढ़कर यहां तक आए थे. वह राजद के नेतृत्व से नाराज थे तो भाजपा ने उन्हें ही लालू परिवार के खिलाफ हथियार बना लिया. राम कृपाल यादव इस सीट पर दो बार से मीसा भारती को हार का स्वाद चखवा रहे हैं. 


हालांकि इस लोकसभा सीट पर पहली बार लालू यादव को रंजन यादव के हाथों हार झेलने पड़ी थी.  रंजन यादव लोकसभा की इस सीट को जदयू के टिकट पर जीतने में कामयाब रहे थे. आपको बता दें कि रंजन यादव ने 2015 में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. 


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दानापुर, मानेर, फुलवारी, मसौढ़ी, पालीगंज, बिक्रम कुल 6 विधानसभा सीट को मिलाकर इस लोकसभा सीट को बनाया गया है. इस सीट पर 30 प्रतिशत से ज्यादा वोटर तो केवल यादव हैं. वहीं उसके बाद कुर्मी और भूमिहार की संख्या है जो लगभग 25 प्रतिशत और  20 प्रतिशत है. 


2008 तक यह लोकसभा सीट पटना सीट ही हुआ करती थी. 2008 में दो सीटों में इस पटना सीट को बांटा गया एक सीट जो ग्रामीण इलाकों वाला था जिस पाटलिपुत्र कहा गया और दूसरा जो शहरी इलाकों वाला क्षेत्र था जिसे पटना साहिब सीट नाम दिया गया. ऐसे में इस शहर के प्राचीन नाम के आधार पर इस पटना ग्रामीण क्षेत्र सीट का नाम पाटलिपुत्र किया गया.