Lok Sabha Election 2024 Patna Sahib Seat: पटना साहिब सीट पर हमेशा खिला कमल, बिहारी बाबू की बगावत भी BJP को नहीं रोक पाई थी
पटना साहिब में लगभग 5 लाख से ज्यादा कायस्थों के अलावा यहां यादव और राजपूत मतदाताओं की भी खासी संख्या है. इस सीट पर अनुसूचित जाति की आबादी 6.12 प्रतिशत है.
Patna Sahib Lok Sabha Seat Profile: बिहार की हाई प्रोफाईल सीटों में एक पटना साहिब लोकसभा सीट भी है. इस सीट का चुनावी इतिहास ज्यादा लंबा तो नहीं है लेकिन दिलचस्प बहुत है. साल 2008 में परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई थी और साल 2009 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ था. तब से अभी तक यहां पर सिर्फ कमल ही खिला है. बीजेपी की टिकट पर बिहारी बाबू यानी शत्रुघ्न सिन्हा इस सीट से पहले सांसद बने थे.
ये सीट बीजेपी का अभेद्य गढ़ मानी जाती है. 2019 में बीजेपी से टिकट कटने पर शत्रुघ्न सिन्हा ने बगावत कर दी थी और कांग्रेस का दामन थाम लिया था. कांग्रेस की टिकट पर उन्होंने बीजेपी के कद्दावर नेता रविशंकर प्रसाद के खिलाफ चुनाव लड़ा. इस चुनाव में उन्हें शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था. इस सीट पर कायस्थ वोटरों का बोलबाला है, लिहाजा अभी तक सिर्फ कायस्थ वोटर ही लोकसभा पहुंचा है.
कायस्थ वोटरों का है दबदबा
इस सीट पर लगभग 5 लाख से ज्यादा कायस्थों के अलावा यहां यादव और राजपूत मतदाताओं की भी खासी संख्या है. इस सीट पर अनुसूचित जाति की आबादी 6.12 प्रतिशत है. पटना साहिब लोकसभा में 6 विधानसभाएं बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार और पटना साहिब सीट आती हैं. पिछले चुनाव में रविशंकर प्रसाद को 6 लाख से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि शत्रुघ्न सिन्हा को सिर्फ 3 लाख के करीब ही लोगों ने वोट दिया था. किसी अन्य प्रत्याशी को पांच अंकों की संख्या में वोट नसीब नहीं हुए थे.
इस सीट की मुख्य समस्याएं
पटना साहिब के प्रमुख मुद्दों पर गौर करें तो पटना सिटी का यह सबसे व्यस्त इलाका माना जाता है. यह पटना का सबसे बड़ा बाजार भी है, लिहाजा लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या से दो-चार होना पड़ता है. बारिश के दिनों में जलभराव की भी काफी समस्या है. इसके अलावा इस सीट पर अतिक्रमण और बेरोजगारी जैसे कई अहम मुद्दे हैं