BJP VS Congress Lok sabha Election 2024: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव और यूपी में निकाय चुनाव के परिणाम अब धीरे-धीरे स्पष्ट होने लगे हैं. जहां कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस को बहुमत का आंकड़ा मिलता दिख रहा है. वहीं दूसरी तरफ यूपी के निकाय चुनाव में भाजपा मेयर की सभी 17 सीटों में से 15 पर मजबूत स्थिति में है. ऐसे में कर्नाटक और यूपी निकाय चुनाव के नतीजे क्या कहानी कहते हैं यह समझना जरूरी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


बता दें कि कर्नाटक में 224 विधानसभा सीटों के साथ यहां 28 लोकसभा की सीटें भी हैं. वहीं यूपी में 403 विधानसभा सीटों के साथ 80 लोकसभा की सीटें भी आती हैं. बता दें कि एक तरफ कांग्रेस कर्नाटक में विधानसभा में बहुमत के आंकड़े को पार कर रही है तो वहीं भाजपा ने यूपी विधानसभा चुनाव में 255 सीटों पर जीत हासिल की है. आपको बता दें कि कांग्रेस के नेता इस कर्नाटक चुनाव के नतीजों को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं और यह कह रहे हैं कि यहीं से केंद्र का रास्ता खुलेगा. जबकि कांग्रेस के नेता यह नहीं समझ पा रहे हैं कि कर्नाटक के चुनाव परिणाम के साथ ही यूपी निकाय चुनाव के रिजल्ट भी आ रहे हैं. 


यूपी में 760 नगर निकायों के चुनाव में से 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका और 544 नगर पंचायत हैं जिसके चुनाव परिणाम जारी किए जा रहे हैं. बता दें कि इनमे से 17 नगर निगम सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद, मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़, वृन्दावन-मथुरा, आगरा, फिरोज़ाबाद, कानपुर नगर, झांसी, प्रयागराज, लखनऊ, अयोध्या, गोरखपुर, शाहजहांपुर और वाराणसी में से 15 पर भाजपा ने तगड़ी बढ़ता बना ली है. वहीं नगर पंचायत के चुनाव में भी भाजपा बड़े अंतर से आगे चल रही है. ऐसे में ये चुनाव बिल्कुल जमीनी स्तर पर होते हैं और इस बार पार्टियों के सिंबल पर यह चुनाव लड़ा गया है. वहीं इसके साथ ही बता दें कि यूपी के दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी हो रहा है जिसमें भाजपा ने बढ़ता बना रखी है. 


ये भी पढ़ें- पटना पहुंचते ही बाबा बागेश्वर का अंदाज देख सभी रह गए हैरान, कहा- 'बिहार हमार बा हो, सब ठीक बा'


ऐसे में अगर कांग्रेस यह मानती है कि कर्नाटक के चुनाव परिणाम का सीधा असर लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा और यह भाजपा का लिटमस टेस्ट है तो यह भी मानना पड़ेगा कि यूपी के निकाय चुनाव का असर भी लोकसभा चुनाव पर दिखेगा. ऐसे में कांग्रेस के लिए 28 लोकसभा सीटों वाले राज्य कर्नाटक से ज्यादा खुशी की बजाए 80 लोकसभा सीट वाले यूपी से चिंता की खबर आ रही है. जहां कांग्रेस ना तो तीन में रही है ना तेरह में. कांग्रेस से अच्छी हालत में यहां बसपा है जो कम से कम दो सीटों पर आगे बढ़ रही है तो वहीं सपा को नगर पालिका और नगर पंचायत के चुनावों में भी कुछ सफलता हासिल हो रही है लेकिन कांग्रेस तो यहां तस्वीर में ही नजर नहीं आ रही है. 


कांग्रेस के नेता दावा कर रहे हैं कि कर्नाटक में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का असर देखने को मिल रहा है और इस वजह से कांग्रेस यहां अच्छा कर पा रही है तो ऐसे में कांग्रेस की एक और चिंता बढ़ानेवाली खबर यह रहेगी की भारत जोड़ो यात्रा को राहुल गांधी ने यूपी में ज्यादा समय नहीं दिया ऐसे में क्या कांग्रेस 28 बनाम 80 के खेल में 28 को ज्यादा तरजीह दे रही थी. ऐसे में अगर कांग्रेस यह दावा कर रही है कि कर्नाटक का विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के परिणाम की तस्वीर साफ कर रही है तो कांग्रेस को यह भी देखना होगा कि यूपी में निकाय चुनाव के नतीजे साफ बता रहे हैं कि यूपी अभी भी भगवामय है और यहां की 80 सीटों पर इस लिहाज से भाजपा का दबदबा जारी है.