Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र की पावर पॉलिटिक्स, अजीत पवार ने दिया चाचा शरद पवार को झटका, शिंदे सरकार में बने डिप्टी सीएम
अजीत पवार को शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम बनाया गया है. उनके अलावा एनसीपी नेता छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, धनंजय मुंडे और अदिति तटकरे सहित हसन मुशरिफ ने भी मंत्री पद की शपथ ली.
Ajit Pawar News: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से भूचाल आ गया है. एनसीपी नेता अजित पवार ने एक बार फिर से अपने चाचा शरद पवार से बगावत कर दी है. अजीत पवार ने पार्टी तोड़कर शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं. शिंदे सरकार में उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया है. उनके अलावा एनसीपी नेता छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, धनंजय मुंडे और अदिति तटकरे सहित हसन मुशरिफ ने भी मंत्री पद की शपथ ली.
अजीत पवार के साथ आए एनसीपी नेता संजय बनसोडे और धर्मराव अत्राम को भी मंत्री बनाया गया है. एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस की मौजूदगी में सभी मंत्रियों ने पद की शपथ ली. अजित पवार के सरकार में शामिल होने पर महाराष्ट्र के मुख्यमत्री एकनाथ शिंदे ने खुशी जताई. सीएम शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र में अब तक डबल इंजन की सरकार चल रही थी लेकिन अब अजित पवार के साथ आने से ट्रिपल इंजन की सरकार हो गई है. शिंदे सरकार में मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि हम अजित पवार का स्वागत करते हैं. उनके फैसले का स्वागत है.
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बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि पूरी एनसीपी ही शामिल हो रही है. 40 से ज्यादा विधायक शामिल हो रहे हैं. उधर अजित पवार अब एनसीपी पर अपना दावा ठोंक सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक 53 में 30 विधायकों के साथ ही अजित पवार के पास 5 में से 3 सांसद भी हैं. इसी के चलते वो अब एनसीपी पर अपना दावा ठोंक सकते हैं. कुछ इसी तरह से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना को तोड़कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी.
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बता दें कि शरद पवार ने जब बेटी सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था, तभी से अजीत पवार नाराज हो गए थे. अजित पवार ने साफ कहा था कि वह विपक्ष के नेता का पद नहीं बल्कि संगठनात्मक जिम्मेदारी चाहते हैं. इसके बाद चर्चा शुरू हो गई थी कि अजीत पवार प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं. शरद पवार की ओर से ऐसा नहीं करने पर अजीत पवार ने एक बार फिर से पार्टी तोड़ दी. अजीत पवार के साथ गए छगन भुजबल भी प्रदेश अध्यक्ष का पद मांग रहे थे.