Ashok Choudhary Poem Controversy: बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य मंत्री और जेडीयू के दिग्गज नेता अशोक चौधरी पिछले कुछ समय से चर्चा में हैं. भूमिहारों पर उनके बयान पर विवाद समाप्त भी नहीं हुआ था कि अब उनकी एक कविता ने नया बखेड़ा करा दिया है. अशोक चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक कविता ट्वीट की है, जिसका शीर्षक 'बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए' है. कहा जा रहा है कि इस कविता के जरिए मंत्री अशोक चौधरी ने अप्रत्यक्ष रूप से नीतीश कुमार पर तंज कसा है. सूत्रों के अनुसार इस कविता को शेयर बाद मुख्यमंत्री ने मंत्री अशोक चौधरी की तलब कर लिया. दोनों के बीच सीएम आवास में डेढ़ घंटे तक बातचीत हुई. इसके बाद अशोक चौधरी ने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने सीएम नीतीश कुमार के साथ एक तस्वीर शेयर की है. इसके कैप्शन में उन्होंने लिखा कि कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना", तो सुनी सुनाई बातों पर ध्यान देना 'छोड़ दीजिये'!


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बता दें कि इससे पहले मंत्री अशोक चौधरी ने ‘एक्स’ पर एक कविता पोस्ट की थी, जिसका शीर्षक था- बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए. इसमें उन्होंने लिखा था कि एक दो बार समझाने से अगर कोई नहीं समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना, ‘छोड़ दीजिए’. बच्चे बड़े होने पर वो खुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना, छोड़ दीजिए. गिने-चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, अगर एक दो से नहीं मिलते तो उन्हें, छोड़ दीजिए. एक उम्र के बाद कोई आपको न पूछे या कोई पीठ पीछे आपके बारे में गलत कह रहा है तो दिल पर लेना, छोड़ दीजिए. अपने हाथ कुछ नहीं, ये अनुभव आने पर भविष्य की चिंता करना, छोड़ दीजिए. अगर इच्छा और क्षमता में बहुत फर्क पड़ रहा है तो खुद से अपेक्षा करना, छोड़ दीजिए. हर किसी का पद, कद, मद, सब अलग है इसलिए तुलना करना, छोड़ दीजिए. बढ़ती उम्र में जीवन का आनंद लीजिए, रोज जमा खर्च की चिंता करना, छोड़ दीजिए. उम्मीदें होंगी तो सदमे भी बहुत होंगे, यदि सुकून से रहना है तो उम्मीदें करना, छोड़ दीजिए. 

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अशोक चौधरी के इस ट्वीट के बाद उनके विरोधियों को हमला करने का मौका मिल गया है. जेडीयू में भी इस पर बयानबाजी शुरू हो गई है. जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार पर कौन निशाना साध सकता है. नीतीश कुमार की जनता के दिल में बसते हैं. 19 साल से मुख्यमंत्री हैं फिर भी उनके खिलाफ किसी प्रकार का विरोध नहीं है. वो वैश्विक नेता हैं. नीरज कुमार ने आगे कहा कि ऐसे में उनकी (नीतीश कुमार) साख पर कौन सवाल उठा सकता है. यह तो असंभव है. नीतीश कुमार, जनता दल (यूनाइटेड) ही नहीं, बिहार के जनता की पहचान हैं. नीतीश कुमार का विकास गांव-गांव में दिखता है. इसलिए उनके व्यक्तित्व पर कोई सवाल खड़ा होगा तो छद्म भाषा का ही नहीं सीधे भाषा का भी जो लोग इस्तेमाल करेंगे, उन्हें जवाब सुनने के लिए तैयार रहना होगा. 


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वहीं इस पर राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि यह दर्शाता है कि वहां पर (जदयू के भीतर) विचारों का टकराव चल रहा है और उनकी टिप्पणी यह दर्शाती है कि कहीं ना कहीं वह अपने नेता के प्रति अपनी भड़ास निकाल रहे हैं. उधर इस ट्वीट के बाद चौधरी को सीएम हाउस ने तलब कर लिया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ एक बंद कमरे में करीब 45 मिनट की लंबी बातचीत हुई. मीटिंग से बाहर आने के बाद में अशोक चौधरी ने सीएम नीतीश कुमार के साथ अपनी कुछ तस्वीरों को शेयर करके स्पष्टीकरण दिया. इस बार उन्होंने लिखा- कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना. तो सुनी सुनाई बातों पर ध्यान देना, ‘छोड़ दीजिये.


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