Bihar Politics: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को लेकर राजनीति गरम हो चुकी है. सीएम नीतीश कुमार के इस अधिकारी के खिलाफ एक नहीं बल्कि दो-दो मंत्रियों ने मोर्चा खोल दिया है. शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के बाद अब नवनियुक्त मंत्री रत्नेश सदा ने भी केके पाठक पर गंभीर आरोप लगाए हैं. रत्नेश सदा ने केके पाठक को मनुवादी और दलित विरोधी बताया है. रत्नेश सदा ने तो यहां तक कहा है कि केके पाठक कहीं और से गाइड हो रहे हैं. उनका कहना है कि केके पाठक नीतीश सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. उनकी मानसिकता सामंतवादी प्रवृति की है. 


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उधर, शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने भी केके पाठक पर गंभीर आरोप लगाए हैं. केके पाठक के लगातार एक्शन से भी शिक्षा मंत्री नाराज हैं. मंत्री ने पीतपत्र में साफ-साफ लिखा है कि शिक्षा विभाग में ज्ञान से अधिक चर्चा डराने वाली भाषा की होती है. कड़क, सीधा करके, नट वोल्ट टाइट करने, शौचालय सफाई, झाड़ू मारने, ड्रेस पहनने, डराने, वेतन काटने, उखाड़ फेंकने, निलंबित करने की चर्चा हो रही है. ड्यूटी से अधिक काम करते अधिकारियों के चैंबर से टीवी चैनल का लाइव करना ठीक नहीं है.


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बता दें कि टोला स्वयंसेवक को लेकर केके पाठक ने फरमान जारी करते हुए कहा है कि जहां 90 फीसदी बच्चों की उपस्थिति नहीं होगी, वहां टोला स्वयंसेवक का वेतन 25 फीसदी काट लिया जाएगा. रत्नेश सदा ने कहा कि शिक्षकों की भी जबाबदेही है, लेकिन उन पर लगाम न लगाकर महादलितों को टारगेट किया जा रहा है. शिक्षामंत्री ने आरोप लगाया है कि राज्य पत्रित अधिकारी को भी उनके पद के अनुरूप काम नहीं दिए जा रहे हैं. विभाग के ऐसे कई अधिकारी हैं, जिनसे उनके पद के हिसाब से काम नहीं लिया जा रहा है. अधिकारी से पद अनुरूप कार्य नहीं लेने पर पत्र के जरिए सवाल खड़ा करते हुए जवाब मांगा गया है.


रिपोर्ट- रजनीश