रांची: केंद्र सरकार ने राज्य में चलाए जा रहे किसी भी योजना के लिए नए फरमान जारी किए हैं. जिसके बाद राज्य सरकार के हाथ-पांव फूलने लगे हैं. दरअसल केंद्र सरकार ने ये स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं में राज्यों को तब तक केद्र की तरफ से अंष नहीं मिलेगा जबतक राज्य सरकार अपने हिस्से की राशि जमा नहीं करा देते हैं. ऐसे में इस निर्देश के बाद झारखंड में योजनाओं की रफ्तार मंद पड़ने की संभावनाएं बढ़ गई हैं.


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बता दें कि अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि किसी भी योजना में राज्य सरकार अपनी हिस्सेदारी देने में देरी करती है और इस बीच केंद्र की तरफ से मिलने वाली राशि खाते में पड़ी रहती है या उसका इस्तेमाल किसी दूसरे मद में कर दिया जाता है. ऐसे में केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया है कि केंद्र और राज्य सरकार एनएसए एकाउंट में अब खाता खोलकर यह सुनिश्चित कर सकेगी कि दोनों ओर से भागीदारी नियमित हो, ताकि केंद्र की तरफ से चलाई जाने वाली योजनाओं की रफ्तार बनी रहे.


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बता दें कि झारखंड में कई मौकों पर ऐसा देखा गया है कि केंद्रांश की राशि खाते में पड़ी रहती और धरातल पर काम शुरू नहीं हो सका. ऐसे में केंद्र सरकार ने इस परेशानी को दूर करने के लिए यह कदम उठाया है. झारखंड के अलावा बिहार, छत्तीसगढ़ समेत तमाम राज्यों को इससे संबंधित पत्र भेजे गए हैं. वहीं केंद्र सरकार के इस नए फरमान के उन राज्यों की मुश्किल बढ़ गई है जो केंद्रीय योजनाओं के खाते में राज्यांश जमा करने में देरी कर रहे थे. केंद्रीय स्तर पर बनाई गई नई व्यवस्था में अब केंद्रांश मिलने के बाद एक महीने अथवा 30 दिनों से राज्यांश मिलने में अधिक की देरी हुई तो इसके लिए जुर्माना लगाया जाएगा.


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