पटना: बिहार विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, विधानसभा में इसकी तैयारी कर ली गयी है. राजनैतिक पार्टियों ने भी इसके लिए कमर कस ली है. मानसून सत्र में कई विधेयक पेश किये जायेंगे. वही यह हंगामेदार रहेगा इसके संकेत विपक्ष ने दे दिए हैं. जबकि सत्ता पक्ष जनहित की बातों पर सार्थक चर्चा की बात कह रही है. साथ ही विपक्ष के हर सवाल का जवाब इसमें दिया जाएगा इसको लेकर भी सत्ता पक्ष तैयार है.  


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सोमवार से बिहार विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है, इस सत्र को लेकर राजनीतिक दल रणनीति बनाने में जुट गए हैं. सदन का सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी और बैठक का बीजेपी ने बहिष्कार कर दिया. इससे ही स्पष्ट हो गया था कि सत्र हंगामेदार होगा और पार्टी के विधायक पूर्व मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि वे जनहित के मुद्दों के साथ युवाओं की नौकरी के मसले पर सदन को चलने नहीं देंगे. इतना ही नहीं बीजेपी ने सदन से सड़क तक सरकार को घेरने की तयारी कर ली है.  


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सदन में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया समेत विधि व्यवस्था को लेकर भी बीजेपी मुखर और आक्रामक रहेगी. हालांकि बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक 10 जुलाई को होगी. जिसमें पार्टी आगे की रणनीति तय करेगी. साथ ही 13 जुलाई को गांधी मैदान से विधानसभा मार्च भी निकाली जाएगी जिसकी तैयारी बड़े पैमाने पर की जा रही है.सत्ता पक्ष भी विपक्ष के हमले से बचाव को लेकर रणनीति तैयार कर चुकी है, जेडीयू विधानमंडल दल की बैठक भी 10 जुलाई को होनी है. बैठक में विधानमंडल दल की बेहतर कार्यवाही को लेकर सदस्यों से सुझाव भी लिए जायेंगे और आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. जबकि कांग्रेस भी सोमवार को बैठक कर सदन के अंदर की चुनौतियों से निपटने का हल निकालेगी.  वहीं आरजेडी के प्रवक्ता ने कहा कि विपक्ष के हर वाजिब सवाल का जबाब दिया जायेगा.  


मानसून सत्र के दरम्यान कई विधेयक भी पेश किये जायेंगे, हालांकि यह सत्र छोटा है लेकिन विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी का कहना है कि सत्र छोटा-बड़ा नहीं होता है. सत्र गंभीर होता है और वे सदस्यों से सकारत्मक चर्चा की उम्मीद करते हैं.  
रजनीश