Bihar Politics: जेडीयू विधायक नरेंद्र नारायण यादव गुरुवार को बिहार विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया. इनका निर्विरोध उपाध्यक्ष चुना जाना तय माना जा रहा है. महेश्वर हजारी के के अचानक इस्तीफा देने के बाद उपाध्यक्ष का पद खाली हुआ है. उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र भरने के बाद यादव ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है, उसे वे निभाते रहे हैं. उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बेहतर समन्वय के साथ सदन का संचालन किया जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति उन्होंने आभार जताया. उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन पर जो विश्वास जताया है. इसके लिए वो पार्टी के प्रति आभारी हैं. 


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नरेंद्र नारायण का सियासी करियर 


मधेपुरा के बालाटोला के रहने वाले नरेंद्र नारायण यादव का काफी लंबा राजनीतिक करियर रहा है. उन्होंने जेपी आंदोलन से राजनीति की शुरुआत की थी. 73 वर्षीय नरेंद्र नारायण यादव मधेपुरा जिला की आलमनगर सीट से विधायक हैं. इस क्षेत्र वह 1995 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं. इस बार विधानसभा में उनका सातवां टर्म है. साफ और ईमानदार छवि के नरेंद्र नारायण राज्य कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं. 2005 से 2015 तक विभिन्न विभागों में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. पंचायती राज मंत्री के तौर पर उन्होंने काफी काम किया था. 


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महेश्वर हजारी बन सकते हैं मंत्री


वहीं विधानसभा उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले महेश्वर हजारी के मंत्री बनने की संभावनाएं हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि उनको नीतीश सरकार में मंत्री बनाने के लिए ही इस्तीफा कराया गया है. हजारी पहले भी नीतीश मंत्रिमंडल में भवन निर्माण मंत्री रह चुके हैं. इस्तीफे को लेकर महेश्वर हजारी ने पार्टी नाराजगी की बात गलत बताया है. उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता हूं, पार्टी जो आदेश करेगी वो मैं करुंगा.