Politics On NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक मामले में लगातार बड़े खुलासे हो रहे हैं. मामले की जांच कर रही बिहार पुलिस को अब इसके तार झारखंड में भी मिले हैं. वहीं इस मामले में सियासी बयानबाजी भी जारी है. इस मुद्दे पर विपक्ष लगातार सरकार को घेरने में लगा है. इसी कड़ी में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह और राजद सांसद सुधाकर सिंह ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने तो NTA अध्यक्ष को हटाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि NEET मे बड़े लेवल पर धांधली हुई है. अखिलेश प्रसाद सिंह ने आगे कहा कि सिर्फ NTA के अध्यक्ष को हटाने से बात नहीं बनेगी. इसमें जितने लोगों की संलिप्तता है, उनकी जांच करके सजा देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि छात्र पढ़-लिख रहे हैं. उनको मेरिट के साथ न्याय मिले.


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वहीं बक्सर से राजद सांसद सुधाकर ने केंद्र सरकार की जांच पर ही सवाल खड़े किए हैं. केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जांच कहां हो रही है? जिन लोगों ने धोखाधड़ी किया सरकार क्यों जांच करेगी? उन्होंने कहा कि सरकार के नेतृत्व में ही सब गड़बड़ी हुई है, तो निष्पक्ष जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज के नेतृत्व में जांच होनी चाहिए. सुधाकर सिंह ने आगे कहा कि यह लोग लंबे समय से बेईमानी कर रहे हैं. लगातार कई तरह के मसले हुए हैं, इससे जाहिर है कि सरकार में बैठे लोग संलिप्त हैं. अब यह पकड़े गए हैं. 


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उधर तेजस्वी यादव पर लग रहे हैं आरोपों पर सुधाकर सिंह ने कहा कि पूरे मामले को डाइवर्ट करने के लिए उनका नाम उछाला गया है. राजद सांसद ने कहा कि हमने बिहार सरकार में रहते हुए 5 लाख लोगों को नौकरी दी थी, तब कोई लीक नहीं हुआ था. सच यह है कि सरकार गड़बड़ी करती है. ऐसा हम लोग पहली बार हम देख रहे हैं. उधर बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने पलटवार किया है. राकेश सिन्हा ने कहा कि मासूम बच्चों का सार्वजनिक जीवन में नैतिकता के संकट से नहीं गुजरना चाहिए. नीट मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने मजबूती के साथ कदम उठाया है.


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बीजेपी सांसद ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐसी ताकतों का विकास हुआ है, जिसका उद्देश्य शिक्षा फैलाना नहीं बल्कि शिक्षा का दोहन करना है. उन्होंने अपनी सरकार से ऐसी ताकतों पर मजबूती के साथ कार्रवाई करने की मांग की. उन्होंने कहा कि इनके ऊपर अपराधिक जुर्म का केस डालकर फास्ट ट्रैक कोर्ट के द्वारा फैसला सुनाया जाना चाहिए. इससे नई पीढ़ी को पता लगना चाहिए कि उनके हित को सुरक्षित करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं.