जमशेदपुरः भारत में राष्ट्रपति पद पर पहली बार किसी आदिवासी महिला के पहुंचने से पूरा आदिवासी समाज आनंदित और आह्लादित है. आज आदिवासी समुदाय का हर आदमी अपने आपको उनसे जोड़कर देख रहा है और इसको लेकर अपने आप को भी काफी भाग्यशाली समझ रहा है. झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के राष्टपति बनने के बाद देश की राजधानी दिल्ली के लिए काफी संख्या में आदिवासी महिला व पुरुषों का दल अपने पारंपरिक वाद्ययंत्रों ढोल-धमसा,मादल और चरचरी आदि के साथ शुक्रवार को ट्रेन पकड़कर दिल्ली के लिए रवाना हुआ है.


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आदिवासी दल देश दुनिया को दिखाएंगे पारंपरिक झलक
जमशेदपुर स्टेशन पर शुक्रवार को इन सभी आदिवासी महिला व पुरुषों की टीम राष्ट्रपति द्रौपती मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में टाटा नगर रेलवे स्टेशन से दिल्ली के लिए रवाना हो गई है. शपथ ग्रहण समारोह में आदिवासी दर पारंपरिक झलक देश दुनिया को दिखाएंगे.


पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पहल पर दिल्ली जा रही आदिवासियों की टोली
केंद्रीय जनजातीय कल्याण मंत्री भारत सरकार और झारखंड के पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा के पहल पर आदिवासियों की यह टोली दिल्ली जा रही है. अपने पारंपरिक लिबास और परंपरा की पहचान कराने दिल्ली जा रहे टीम के सदस्य काफी खुश नजर आ रहे हैं.


मंत्रालय ने कराया है आदिवासी टोली का टिकट
भारत सरकार के आदिवासी कल्याण एवं जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा के यहां से अपनी परमपरा को दर्शाने के लिए जमशेदपुर से आदिवासी महिलाओं को दिल्ली बुलाया गया है. मंत्रालय की योर से सबका टिकट राजधानी ट्रेन में कराया गया. जहां आज 32 आदिवासी महिला टाटा नगर रेलवे स्टेशन से दिल्ली के लिए रवाना हुई. इस दौरान रेलवे स्टेशन पर ढोल नगाड़े बजाते हुए ये सभी पहुंचे और देखते ही देखते आदिवासी रंग में पूरा रेलवे स्टेशन रंग गया. 


शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होना गर्व का क्षण
राष्टपति द्रौपदी मुर्मू के स्वागत के लिए जा रही इन टीम के सदस्यों ने कहा कि उनके जीवन का यह पहला अवसर है कि वह देश की राजधानी दिल्ली जा रहे हैं. वो भी पहली महिला आदिवासी के राष्ट्र्पति बनने पर उनका स्वगत करने के लिए है. हमारे के लिए यह गर्व का क्षण रहेगा.


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