Bihar Politics: अटल का सम्मान, DMK पर चुप्पी, CM नीतीश ने दरवाजा और खिड़की सब खोलकर रखा, समझिए कैसे?
Bihar Politics: अटल जी की जयंती पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी के संस्थापक सदस्य की खुलकर तारीफ की तो वहीं डीएमके सांसद दयानिधि मारन के विवादित बयान पर चुप्पी साधे रहे. इस तरह से नीतीश कुमार ने बीजेपी और विपक्ष के बीच संतुलन बनाकर रखा है.
Bihar Politics: चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर का बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में कहना है कि नीतीश कुमार का अपना राजनीति करने का तरीका है. वह एक दरवाजे को खोलते हैं और पीछे से खिड़की और रोशनदान सबकुछ खोलकर रखते हैं. पता नहीं कब किसकी जरूरत पड़ जाए? प्रशांत किशोर की ये बात सही साबित होती दिख रही है. दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बीजेपी और विपक्ष के बीच तालमेल बनाकर रखा.
अटल जी की जयंती पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बिहार के राज्यपाल और अपने कई मंत्रियों के साथ अटल जी को माल्यार्पण किया. इस दौरान उन्होंने अटल जी की जमकर तारीफ की. इस दौरान सीएम नीतीश ने कहा कि अटल जी के प्रति सदैव मेरे मन में आदर का भाव रहेगा. वह मुझे बहुत मानते थे. उन्होंने ही हमको सीएम बनाया था. उन्होंने अपनी कैबिनेट में मुझे जगह दी और तीन-तीन विभाग की जिम्मेदारी हमें दी थी. बीजेपी के संस्थापक सदस्य की इतनी तारीफ करके मुख्यमंत्री के साथ अपने संबंधों को जाहिर कर दिया.
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इतना ही नहीं नीतीश कुमार की पार्टी से राज्यसभा सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह भी दिल्ली में स्थित अटल स्मृति पर जाकर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी. सियासी पंडितों का कहना है कि हरिवंश नारायण के जरिए नीतीश कुमार बीजेपी के साथ खिड़की खोलकर रखे हुए हैं. वहीं मुख्यमंत्री ने इस दौरान विपक्षी गठबंधन से भी अपने संबंध खराब नहीं किए. नीतीश कुमार से जब डीएमके सांसद दयानिधि मारन के विवादित बयान पर सवाल किया गया तो वह चुप्पी साध गए. इस तरह से नीतीश कुमार ने इंडी गठबंधन का दरवाजा भी बंद नहीं किया.
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बता दें कि डीएमके सांसद ने कहा था कि उत्तर प्रदेश और बिहार से आने वाले हिंदी भाषी लोग तमिलनाडु में सड़कों और शौचालयों की सफाई करते हैं. द्रमुक सांसद के इस बयान की कड़ी आलोचना हो रही है. यहां तक की बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी दयानिधि मारन के बयान की आलोचना की है. तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहारियों और उत्तर भारतीयों पर ऐसा बयान बेहद निंदनीय है. तेजस्वी ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार से बहुत बड़ी संख्या में लोग दूसरे राज्यों में मजदूरी करने जाते हैं, अगर यहां से लोग वहां ना जाएं तो उन राज्यों का सारा काम ठप हो जाएगा.