`पापा सब समझते थे पर राहुल गांधी नासमझी का शिकार हो गए`, रोहिणी आचार्य ने 2013 में अध्यादेश फाड़ने की घटना को बताया भूल
मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को पहले सजा हुई और फिर सांसदी चली गई. अभी कांग्रेस पार्टी इसी उधेड़बुन में है कि किस तरह की कानूनी कार्यवाही की जाए, तब तक लोकसभा अध्यक्ष ने राहुल गांधी की सांसदी पर चाबुक चला दिया.
Patna: मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को पहले सजा हुई और फिर सांसदी चली गई. अभी कांग्रेस पार्टी इसी उधेड़बुन में है कि किस तरह की कानूनी कार्यवाही की जाए, तब तक लोकसभा अध्यक्ष ने राहुल गांधी की सांसदी पर चाबुक चला दिया. यह सब जानते हैं कि 27 नवंबर 2013 को राहुल गांधी ने अध्यादेश की कापी नहीं फाड़ी होती तो आज उनकी सांसदी को कुछ नुकसान नहीं होना था. अब लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य जो सिंगापुर में रहती हैं और वहीं से भारत की राजनीति पर ट्वीट के माध्यम से अपनी टिप्पणी करती रहती हैं, ने कहा है कि मेरे पापा 2013 में ही समझ गए थे, लेकिन राहुल गांधी नासमझी के शिकार हो गए.
रोहिणी आचार्य ने एक के बाद एक दो ट्वीट करते हुए कहा, राहुल गांधी जी नासमझी के शिकार हो गए और जाने.अनजाने में ही ऐसी गलती कर बैठें जिसकी सजा आज देश के विपक्षी पार्टी के नेताओं को झूठे केस.मुकदमों की जाल में उलझ कर अपनी सदस्यता गंवानी पड़ रही है. रोहिणी ने कहा, भाजपा का चाल चरित्र पापा सब समझते थे. इसीलिए तो 2013 में इन्होंने इस अध्यादेश का विरोध किया था. उन्हें पहले से ही अनुभूति थी. उनका मानना था कि अगर भूल से भी भाजपा सत्ता में आ गई तो इसी अध्यादेश के बल पर देश के लोकतंत्र को कुचला करेगी और आज वहीं हुआ है.
बता दें कि मोदी सरनेम केस में बृहस्पतिवार को गुजरात की एक अदालत ने राहुल गांधी को दोषी पाते हुए 2 साल की सजा सुना दी. राहुल गांधी को सजा मिलने की गहमागहमी खत्म भी नहीं हुई थी कि शुक्रवार को सुबह सुबह लोकसभा सचिवालय की ओर से राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया. राहुल गांधी पर ताबड़तोड़ एक्शन से कांग्रेस झल्ला गई है और अभी उसके वरिष्ठ नेताओं की एक बड़ी बैठक चल रही है, जिसमें पार्टी और राहुल गांधी पर आए इस संकट से निपटने को लेकर रणनीति बनाई जाएगी. हो सकता है कि इस बड़ी बैठक के बाद कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की ओर से प्रेस को संबोधित भी किया जाए और आगे की रणनीति का खुलासा किया जाए.
देखना होगा कि इस अभूतपूर्व संकट से निपटने के लिए कांग्रेस क्या रणनीति अख्तियार करती है. कांग्रेस पर यह संकट ऐसे समय में आया है, जब इस साल कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव होने वाला है. फिलहाल यही चारों राज्य ऐसे हैं जहां कांग्रेस बीजेपी को चुनौती देने में सक्षम है. ऐसे में राहुल गांधी पर कार्रवाई कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है.