Bihar Reservation: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को एक बड़ा झटका लगा है. पटना हाई कोर्ट ने 20 जून, 2024 दिन गुरुवार को पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC/ST) के लिए आरक्षण को 50 से प्रतिशत से 65 प्रतिशत बढ़ाने के विधायिका के फैसले को रद्द कर दिया.


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बिहार पदों और सेवाओं में रिक्तियों का आरक्षण संशोधन विधेयक और बिहार आरक्षण (शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश) संशोधन विधेयक, 2023 को हाल ही में शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य विधानमंडल द्वारा मंजूरी दे दी गई थी, जब सरकार ने राज्य के ऐतिहासिक जाति सर्वेक्षण का विधानसभा में रिपोर्ट पेश किया था. 


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दोनों विधेयकों में अनुसूचित जाति (SC) के लिए कोटा 16 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 1 से 2 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ी जाति (EBC) के लिए 18 से 25 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए कोटा बढ़ाने की मांग की गई है. जाति-आधारित आरक्षण को 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के लिए 15 से 18 प्रतिशत किया गया था.


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राज्य में जाति सर्वेक्षण के निष्कर्षों के आधार पर सरकार ने अनुसूचित जाति (SC) के लिए कोटा बढ़ाकर 20 फीसदी, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 2 फीसदी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) के लिए 25 फीसदी और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से 18 फीसदी के लिए कोटा बढ़ा दिया.